यस बैंक के शेयरों के लिए साल 2023 अच्छा नहीं रहा है। प्राइवेट सेक्टर बैंक के शेयर लगातार दबाव में हैं। दरअसल, यस बैंक में हिस्सेदारी रखने वाले कुछ प्रतिस्पर्धी बैंक अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। यस बैंक (YES Bank) के शेयरों में 3 साल का लॉक-इन पीरियड अगले हफ्ते खत्म हो रहा है। इस साल जनवरी में यस बैंक के शेयरों में 16 पर्सेंट की गिरावट आई। वहीं, फरवरी में प्राइवेट बैंक के शेयर सिर्फ 1 पर्सेंट चढ़े। जबकि मार्च में यस बैंक के शेयर 5 पर्सेंट गिर चुके हैं।
8 बैंकों ने यस बैंक में लगाए थे 10000 करोड़ रुपये
रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम के तहत साल 2020 में यस बैंक में इनवेस्टमेंट करने वाले 8 लेंडर्स के लिए लॉक-इन पीरियड 13 मार्च 2023 को खत्म हो रहा है। यस बैंक को दिवालिया होने और बैंकिंग सिस्टम को किसी भी तरह के सिस्टेमैटिक रिस्क से बचाने के लिए मार्च 2020 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC, ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, फेडरल बैंक, बंधन बैंक और IDFC फर्स्ट बैंक ने संयुक्त रूप से 10000 करोड़ रुपये का इनवेस्ट किया था।
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12400 करोड़ रुपये से ज्यादा हुई SBI के निवेश की वैल्यू
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की यस बैंक में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी है। एसबीआई ने 10 रुपये प्रति शेयर के दाम पर यस बैंक के शेयर सब्सक्राइब किए थे। उस समय SBI की होल्डिंग की वैल्यू 7500 करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा थी। मौजूदा मार्केट प्राइस पर स्टेट बैंक के 26 पर्सेंट स्टेक की वैल्यू 12478 करोड़ रुपये के करीब है। यानी, SBI को अपने इनवेस्टमेंट पर तगड़ा फायदा है। यस बैंक के शेयरों ने भले ही 2023 में निगेटिव रिटर्न दिया हो, लेकिन पिछले 3 साल में बैंक के शेयर 60% से ज्यादा चढ़ चुके हैं।
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अलग-अलग बैंकों की हिस्सेदारी की इतनी हुई वैल्यू
ICICI बैंक की यस बैंक में 2.6 पर्सेंट हिस्सेदारी है। मौजूदा समय में इसकी वैल्यू करीब 1245 करोड़ रुपये है। हिस्सेदारी खरीदे जाने के बाद से इनवेस्टमेंट वैल्यू में 66 पर्सेंट का उछाल आया है। एक्सिस बैंक की यस बैंक में 1.57 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू अभी 751 करोड़ रुपये है। यह बात इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है। IDFC फर्स्ट बैंक की 1 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 479 करोड़ रुपये है। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक की यस बैंक में 1.32 पर्सेंट हिस्सेदारी है, जिसकी वैल्यू 631 करोड़ रुपये है। HDFC की यस बैंक में 3.48 पर्सेंट हिस्सेदारी की वैल्यू 1660 करोड़ रुपये है।
मुनाफावसूली से बढ़ सकता है और दबाव
यस बैंक के शेयरों में पहले ही अच्छा करेक्शन हो चुका है। लॉक-इन पीरियड खत्म होने के साथ मुनाफावसूली की वजह से यस बैंक के शेयरों में कुछ और दबाव देखने को मिल सकता है। एनालिस्ट्स का मानना है कि जो इनवेस्टर्स बार्गेन बाय तलाश रहे हैं, वह गिरावट में शेयर खरीद सकते हैं।
डिस्क्लेमर: यहां सिर्फ शेयर के परफॉर्मेंस की जानकारी दी गई है, यह निवेश की सलाह नहीं है। शेयर बाजार में निवेश जोखिम के अधीन है और निवेश से पहले अपने एडवाइजर से परामर्श कर लें।
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