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Yes Bank Lock-in period: भारतीय स्टेट बैंक यानी एसबीआई (SBI) 6 मार्च को लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी कम कर सकता है। एसबीआई, भारत का सबसे बड़ा बैंक है। SBI यस बैंक में स्थायी रूप से हिस्सेदारी नहीं रखना चाहता है और अपनी होल्डिंग को कम करना चाहता है। इसकी जानकारी रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से दी है।
एसबीआई के पास 26.14% हिस्सेदारी
स्टॉक एक्सचेंज के आंकड़ों से पता चलता है कि 31 दिसंबर तक यस बैंक में एसबीआई की 26.14% हिस्सेदारी थी। एसबीआई यस बैंक का सबसे बड़ा शेयरधारक है। बता दें कि SBI ने यस बैंक में उस समय 49% अधिग्रहण किया था जब यह प्राइवेट सेक्टर का बैंक संकट से गुजर रहा था। पुनर्निर्माण योजना के अनुसार, पूंजी डालने की तारीख से तीन साल पूरे होने से पहले एसबीआई अपनी होल्डिंग को कम नहीं कर सकता है। अब जब इसका Lock-in पीरियड खत्म हो रहा है तो एसबीआई अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है।
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Yes बैंक के शेयरों का हाल
यस बैंक के शेयर 3.55% की गिरावट के साथ ही 17.65 रुपये पर बंद हुए। बता दें कि पिछले साल सितंबर में यस बैंक ने कहा था कि आरबीआई शेयर लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद ही उसे पुनर्निर्माण योजना से बाहर निकलने की अनुमति देगा। उस समय यस बैंक में एसबीआई के अलावा अन्य लेंडर्स जैसे कि आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्प ने हिस्सा लिया था। उस समय, केंद्रीय बैंक द्वारा बनाई गई पुनर्निर्माण योजना के लिए इन लेंडर्स को तीन सालों के लिए अधिग्रहित शेयरों का कम से कम 75% हिस्सा रखने की आवश्यकता थी।