WPI Inflation: फ्यूल और फूड कीमतों में आई तेजी की वजह से भारत की थोक मूल्य-आधारित मुद्रास्फीति मार्च में बढ़कर 14.55 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 13.11 प्रतिशत थी। मार्च के लिए खुदरा मुद्रास्फीति भी बढ़कर 6.95 प्रतिशत हो गई, जो 17 महीने का उच्च स्तर है, क्योंकि खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी हुई है।
क्या है रिपोर्ट में?
उद्योग विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च 2022 में इन्फ्लेशन की हाई रेट मुख्य रूप से कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेल, मूल धातुओं की कीमतों में वृद्धि के चलते आई है। रूस-यूक्रेन टेंशन के चलते ग्लोबल सप्लाई चेन में बाधा उत्पन्न हुई थी।
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इन चीजों के बढ़े दाम
WPI खाद्य सूचकांक फरवरी में 8.47 प्रतिशत से बढ़कर मार्च में 8.71 प्रतिशत हो गया। मैन्युफैक्चरर प्रोडक्ट्स के लिए, मुद्रास्फीति बढ़कर 10.71 प्रतिशत हो गई।
अंडा, मांस और मछली में मुद्रास्फीति 9.42 प्रतिशत थी, जबकि प्याज में यह 9.33 प्रतिशत थी। आलू की मुद्रास्फीति मार्च में 24.62 प्रतिशत बढ़ी, जबकि फरवरी में यह 14.78 प्रतिशत थी।