अमेरिका में महंगाई और मंदी के बीच रेस सी लगी है। दरअसल, अमेरिका के सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व की ओर से महंगाई कंट्रोल के लिए ब्याज दर बढ़ाई जा रही है। हालांकि, तमाम कोशिशों के बावजूद महंगाई के आंकड़े कंट्रोल में नहीं हैं। सितंबर माह के आंकड़ों ने एक बार फिर फेड रिजर्व पर ब्याज दर बढ़ाने का दबाव डाल दिया है। वहीं, निवेशकों के बीच बिकवाली तेज होने की आशंका है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज के सूचकांक- डाउ जॉन्स और एसएंडपी 500 में बड़ी गिरावट देखने को मिल सकती है।
ताजा आंकड़ों के मुताबिक सितंबर माह के दौरान उपभोक्ता कीमतों में एक साल पहले की तुलना में 8.2% की वृद्धि हुई है। जुलाई से अगस्त तक 0.1% तक टिकने के बाद महीने-दर-महीने आधार पर अगस्त से सितंबर तक कीमतों में 0.4% की वृद्धि हुई है।
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अमेरिकी श्रम विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक मुख्य उपभोक्ता मूल्य सूचकांक, जिसमें भोजन और ऊर्जा शामिल नहीं है, एक साल पहले की तुलना में 6.6% बढ़ा है। यह 1982 के बाद का उच्चतम स्तर है।
थोक महंगाई के आंकड़े: अमेरिका में थोक महंगाई दर सितंबर महीने में सालाना आधार पर बढ़कर 8.5 प्रतिशत रही। हालांकि, पिछले महीने के मुकाबले मुद्रास्फीति घटी है। अगस्त में यह 8.7 प्रतिशत रही थी। सितंबर में कीमत वृद्धि का मुख्य कारण होटल के कमरों का किराया बढ़ना है। लगातार दो महीने की गिरावट के बाद खाद्य वस्तुओं के दाम भी अगस्त के मुकाबले सितंबर में बढ़े हैं।