भारत टमाटर उत्पादन में चीन के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसके बावजूद देश में टमाटर की कीमत अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दुबई के बराबर है। केंद्र सरकार ने अब सस्ती दर पर टमाटर बेचने का फैसला किया है। इसके लिए वो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र से टमाटर की खरीदारी करेगी। कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) के अनुसार भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा टमाटर उत्पादक है। चीन सालाना औसतन 56,423,811 टन टमाटर का उत्पादन करता है। वहीं भारत 18,399, 000 टन टमाटर पैदा करता है। दुनियाभर में हर साल औसतन 177,118,248 टन टमाटर का उत्पादन होता है।
दुबई में टमाटर 135 रुपये किलो
1.अमेरिका: वालमार्ट की वेबसाइट पर आधा किलो टमाटर 250 रुपये का बिक रहा है। खुदरा दुकानों पर पर एक किलोग्राम टमाटर 250 से 300 रुपये किलो भी मिल जाता है।
2.ऑस्ट्रेलिया: मेलबर्न में एक सप्ताह पहले एक किलो टमाटर भारतीय रुपये के हिसाब से 550.30 रुपये में मिल रहा था। अभी 220.12 रुपये किलोग्राम के हिसाब से बिक रहा है।
3.दुबई: संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सबसे अधिक जनसंख्या वाले शहर दुबई में एक किलोग्राम टमाटर 135 रुपये है। यहां टमाटर 100 से 150 रुपये किलो तक बिकता है।
4.फ्रांस: पेरिस स्कूल ऑफ बिजनेस के अनुसार फ्रांस के शहरों में एक किलोग्राम टमाटर 244.94 रुपये प्रति किलो है। टमाटर की औसत कीमत 74 रुपये से लेकर 250 रुपये रहती है।
5.चीन: उत्पादकों से खाद्य पदार्थ खरीदने वाली संस्था सेलिना वामुकी के अनुसार चीन में एक किलो टमाटर 30 रुपये किलोग्राम से लेकर 300 रुपये किलो बिक रहा है।
टमाटर संकट से अर्थव्यवस्था को चोट: फूड एंड एग्रीकल्चर ऑर्गनाइजेशन (एफएओ) के अनुसार जलवायु परिवर्तन से टमाटर की फसल को भारी क्षति संभव है। वर्ष 2022 में दुनियाभर में 45.2 लाख टन टमाटर से जुड़े उत्पाद बने थे। अनुमान है कि 2028 तक ये 56.5 लाख टन हो जाएगा। वर्ष 2022-23 में टमाटर का बाजार 197.76 अरब डॉलर का था। वर्ष 2028 में ये बढ़कर 249.53 अरब डॉलर हो जाएगा। ऐसे में टमाटर की फसल प्रभावित होती है तो वैश्विक अर्थव्यवस्था को भी क्षति होगी।
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टमाटर की कीमत में अचानक आग: देश में टमाटर की कीमतों में बढ़ोतरी अचानक दर्ज की गई है। करीब दो सप्ताह के भीतर 20 से 40 रुपये किलो बिकने वाला टमाटर 250 रुपये से अधिक पहुंच गया है। अनुमान लगाया जा रहा है कि भारी बारिश के कारण टमाटर की फसल को भारी नुकसान हुआ है। इस वजह से टमाटर की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है। दिल्ली- एनसीआर समेत अन्य महानगरों और बड़े शहरों में टमाटर की कीमत में सबसे अधिक तेजी देखी गई है।
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भारत का टमाटर खा रहे कई देश: देश के लोगों ने अधिक कीमत के कारण टमाटर खाना बंद कर दिया है या इस्तेमाल कम कर दिया है। वहीं दूसरी ओर दुनिया के कई देश ऐसे हैं जो भारत से निर्यात होने वाले टमाटर पर पूरी तरह निर्भर हैं। भारत मुख्य रूप से भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, संयुक्त अरब अमीरात और कतर को टमाटर निर्यात करता है। वर्ष 2017 में भारत ने कुल 267.52 हजार मिट्रिन टन टमाटर का निर्यात किया था। इसके बाद इसमें लगातार उतार चढ़ाव जारी है।
टमाटर निर्यात में उतार चढ़ाव
वर्ष निर्यात
2022 89.63
2021 88.45
2020 93.62
2019 99.8
2018 47.45
स्रोत: स्टैटिस्टिया (आंकड़े हजार मिट्रिक टन में)
टमाटर की पैदावार में कमी का कारण
1.भीषण गर्मी और बारिश के अभाव में फसल खराब
2.बाढ़ और बारिश के कारण फसल को दोहरी क्षति
3.पौधों को तीन-चार दिन में पर्याप्त पानी नहीं मिला
4.मिट्टी की गुणवत्ता पर असर पड़ने से भी नुकसान
5.पौधे के अनुकूल तापमान न मिलने से कम पैदावार
छह बड़े टमाटर उत्पादक राज्य
राज्य उत्पादन हिस्सेदारी
यहां हजार टन से कम उत्पादन
राज्य उत्पादन हिस्सेदारी
बिहार 951 4.68
उत्तर प्रदेश 902 4.44
हरियाणा 440 2.17
झारखंड 288.39 1.42
उत्तराखंड 110.68 0.55
स्रोत: एपीईडीए (2021-22) आंकड़े टन और फीसदी में
ये देश भारतीय टमाटर पर निर्भर
देश निर्यात कीमत
कतर 3,089.73 1,323.72
स्रोत: एपीईडीए (2020-21) आंकड़े टन और लाख रुपये में