शेयर बाजार में तेजी पर आज ब्रेक लगने की आशंका है। यानी सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को सेंसेक्स-निफ्टी की उड़ान थम सकती है। क्योंकि, गुरुवार को अमेरिकी शेयर बाजारों में कमजोर रुख के बाद एशिया के बाजारों शुक्रवार को गिरावट दर्ज की गई। वहीं, गिफ्ट निफ्टी (निफ्टी फ्यूचर्स ) के पिछले बंद 19,835 के मुकाबले 19,812 के स्तर के आसपास कारोबार कर रहा था, जो भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स-निफ्टी के लिए नकारात्मक शुरुआत का संकेत देता है।
अगर एशियाई बाजारों की बात करें तो जापान का निक्केई 225 0.21 फीसद गिर गया और टॉपिक्स 0.11 फीसद कम हो गया। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.55 फीसद गिरा, जबकि कोस्डैक 0.71 फीसद गिरा। हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक वायदा एचएसआई के 17,832.82 के बंद स्तर की तुलना में गिरकर 17,654 पर कारोबार कर रहा था।
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अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख इंडेक्स गुरुवार को एसएंडपी 500 और नैस्डैक के साथ मिश्रित स्तर पर बंद हुए, जबकि डाऊ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज 45.74 अंक या 0.13 फीसद गिरकर 34,945.47 पर आ गया। एसएंडपी 5.36 अंक या 0.12 फीसद बढ़कर 4,508.24 पर पहुंच गया। नैस्डैक कंपोजिट 9.84 अंक या 0.07 फीसद बढ़कर 14,113.67 पर बंद हुआ। दूसरी ओर रिकॉर्ड ऊंचाई छूने के एक दिन बाद वॉलमार्ट के शेयरों में 8.1 फीसद की गिरावट आई।
बाजार के लिए आज क्या हैं अन्य संकेत
बेरोजगारी लाभ के लिए नए दावे दायर करने वाले अमेरिकियों की संख्या पिछले सप्ताह तीन महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। 11 नवंबर को समाप्त सप्ताह के लिए बेरोजगारी का आंकड़ा 231,000 पर पहुंच गया, जो अगस्त के बाद से सबसे अधिक है।
तेल की कीमतें 4 महीने के निचले स्तर पर: रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और एशिया के कमजोर आंकड़ों के बाद वैश्विक तेल मांग पर चिंताओं के बीच कच्चे तेल की कीमतें गुरुवार को लगभग 5 फीसद गिरकर चार महीने में सबसे निचले स्तर पर आ गईं। ब्रेंट वायदा 4.6 फीसद गिरकर 77.42 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ, जबकि डब्ल्यूटीआई 4.9 फीसद गिरकर 72.90 डॉलर पर बंद हुआ।
अमेरिकी फैक्टरी उत्पादन में गिरावट: अक्टूबर में अमेरिकी फैक्टरी उत्पादन में उम्मीद से अधिक गिरावट आई, जिसका मुख्य कारण वाहन निर्माताओं और पार्ट्स आपूर्तिकर्ताओं की हड़ताल थी। फेडरल रिजर्व के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने विनिर्माण उत्पादन में 0.7 फीसद की गिरावट आई, जो चार महीनों में सबसे अधिक है।
आरबीआई ने उपभोक्ता ऋण नियमों को सख्त किया: केंद्रीय बैंक ने खुदरा ऋणों पर ऋणदाताओं और गैर-बैंक वित्तीय कंपनियों के लिए जोखिम भार, या बैंकों को प्रत्येक ऋण के लिए अलग रखी जाने वाली पूंजी को 25 प्रतिशत अंक से बढ़ाकर 125 फीसद कर दिया है।