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Sahara Shree legacy wife swapna will take charge or son and brother or other know here – Business News India – अब कौन संभालेगा सहारा का साम्राज्य, जमा पैसे का क्या होगा, जानें सबकुछ, बिजनेस न्यूज

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Sahara Shree legacy: बीते मंगलवार को सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का 75 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा समूह और उसमें निवेशकों के फंसे पैसे को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। अब तक ये स्पष्ट नहीं है कि सुब्रत रॉय के बाद कंपनी का भार किसके कंधों पर होगा। सुब्रत रॉय के अंतिम संस्कार में बेटे-सुशांतो और सीमांतो की मौजूदगी नहीं रहने से ये सवाल और भी जोर-शोर से पूछे जाने लगे हैं। 

कई लोगों का मानना है कि सुब्रत रॉय के कारोबार को अब पत्नी स्वप्ना रॉय संभाल सकती हैं या सहारा परिवार के भरोसेमंद लोगों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। ऐसा माना जा रहा है कि सुब्रत रॉय के नजदीकी ओपी श्रीवास्तव या सुब्रत के भाई जेबी रॉय इस समूह को आगे बढ़ाने में कोई बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। 

जारी रहेगा सहारा से जुड़ा मामला: इस बीच, भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि सहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक समूह के खिलाफ मामला जारी रखेगा। बुच ने कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं। रिफंड बेहद कम होने के सवाल पर बुच ने कहा कि पैसा निवेशकों द्वारा किए गए दावों के सबूत के आधार पर उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति के जरिए वापस किया गया है।

कितने रुपये फंसे: निवेशकों को केवल 138 करोड़ रुपये का रिफंड किया गया है, जबकि सहारा समूह को निवेशकों को रिफंड के लिए सेबी के पास 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा करने के लिए कहा गया था। बता दें कि सेबी ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था। नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके फंड जुटाया था।

कोर्ट ने दिया आदेश: लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से जुटाए गए पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।

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