इन्फोसिस (Infosys) ने साफ किया है कि कंपनी ‘मूनलाइटिंग’ यानी एक साथ दो जगह काम करने का समर्थन नहीं करती है। कंपनी ने यह भी कहा कि उसने पिछले 12 महीने में ऐसा करने वाले कर्मचारियों को नौकरी से निकाला भी है। बता दें इन्फोसिस देश की दूसरी सबसे बड़ी सूचना प्रौद्योगिकी कंपनी है।
क्या है ‘मूनलाइटिंग’: जब कोई कर्मचारी अपनी नियमित नौकरी के साथ ही कोई अन्य काम भी करता है तो उसे ‘मूनलाइटिंग’ कहा जाता है। हालांकि, इन्फोसिस ने ‘मूनलाइटिंग’ के कारण नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों की संख्या की जानकारी नहीं दी।
एक साथ दो नौकरी करने का समर्थन नहीं
इन्फोसिस के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख ने बृहस्पतिवार को कंपनी के दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणाम की घोषणा के दौरान कहा कि कंपनी एक साथ दो नौकरी करने का समर्थन नहीं करती है। पारेख ने कहा, ”हम नौकरी के साथ दूसरा काम करने का समर्थन नहीं करते…पूर्व में जो कर्मचारी दो काम करते पाये गए और जहां गोपनीयता का मुद्दा था, हमने वहां कार्रवाई की।”
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इन्फोसिस उन कंपनियों में शामिल है, जिसने ‘मूनलाइटिंग’ के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
पिछले महीने, विप्रो के चेयरमैन रिशद प्रेमजी ने कहा था कि ‘मूनलाइटिंग’ के कारण 300 कर्मचारियों को कंपनी से निकाला गया है। उन्होंने साफ कहा था कि कंपनी में ऐसे कर्मचारियों के लिए कोई जगह नहीं है, जो प्रतिद्वंद्वी कंपनी के लिए भी काम करे।