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हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन (HDFC) और HDFC बैंक लिमिटेड के विलय की प्रक्रिया अब आखिरी दौर में है। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ने भी इस विलय को मंजूरी दे दी है। इससे पहले विलय को केंद्रीय रिजर्व बैंक (आरबीआई), भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी), एचडीएफसी और एचडीएफसी बैंक के शेयरधारकों, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) और प्रतिस्पर्धा आयोग से जरूरी मंजूरी मिल चुकी है। इसके अलावा दोनों स्टॉक एक्सचेंजों से अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) भी मिला है।
40 अरब डॉलर की डील: बता दें कि HDFC-HDFC बैंक विलय की घोषणा 4 अप्रैल, 2022 को की गई थी। यह भारत के कॉर्पोरेट इतिहास के चुनिंदा बड़े विलय में से एक है। करीब 40 अरब डॉलर के इस अधिग्रहण सौदे से वित्तीय सेवा क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी अस्तित्व में आएगी। प्रस्तावित इकाई का संयुक्त रूप से संपत्ति आधार करीब 18 लाख करोड़ रुपये होगा।
डील पूरी होने पर HDFC बैंक का 100 प्रतिशत हिस्सा पब्लिक शेयरहोल्डर्स के पास होगा, वहीं HDFC के मौजूदा शेयरधारकों के पास बैंक का 41 प्रतिशत हिस्सा होगा। यह बैंक क्षेत्र में दूसरा इस तरह का विलय है। इससे पहले अक्टूबर, 2001 में ICICI लिमिटेड ने इसी प्रकार का विलय अपनी बैंक इकाई ICICI बैंक में किया था।
शेयर का क्या रहा हाल: सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन HDFC बैंक का शेयर भाव ₹1572 के स्तर पर है। एक दिन पहले के मुकाबले शेयर की कीमत 1.36% बढ़ गई है। इसी तरह HDFC के शेयर में भी तेजी रही और यह 1.14% बढ़कर 2561 रुपये के स्तर पर आ गया।