फिक्स्ड डिपाजिट (FD) की तरह ही रेकरिंग डिपाजिट (RD) भी सुरक्षित निवेश के लिए जाना जाता है। अंतर बस इतना है की अगर आपके पास जमा पैसा है तो आप इसे एफडी (FD) में जमा कर सकते हैं। जबकि अगर आपको पैसे जमा करने हैं तो आप आरडी (RD) में निवेश कर थोड़ा-थोड़ा कर पैसे जमा कर पाएंगे। एचडीएफसी बैंक (HDFC Bank) ने अपने आरडी के सिलेक्टेड टेन्योर पर इंटरेस्ट रेट में 50 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है। बैंक ने यहू इजाफा 6 महीने से 36 महीने और 90 महीने से 120 महीने की आरडी पर किया है। इस समयावधि के लिए बैंक अपने सामान्य ग्राहकों को 4.25 पर्सेंट से 6.10 पर्सेंट और सीनियर सिटीजन को 4.75 पर्सेंट से 6.75 पर्सेंट का ब्याज देगा। बढ़ी हुई नई ब्याज दरें 11 अक्टूबर से लागू है।
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HDFC Bank की आरडी रेट्स
बैंक अपने ग्राहकों को 6 महीने की आरडी पर 4.25 पर्सेंट, 9 महीने की आरडी पर 5 पर्सेंट,12 महीने की आरडी पर 5.70 पर्सेंट, 15 महीने की आरडी पर 5.70 पर्सेंट, 24 महीने की आरडी पर 5.70 पर्सेंट, 27 महीने की आरडी पर 5.80 पर्सेंट, 36 महीने की आरडी पर 5.80 पर्सेंट, 39 महीने की आरडी पर 6.10 पर्सेंट, 48 महीने की आरडी पर 6.10 पर्सेंट, 60 महीने की आरडी पर 6.10 पर्सेंट, 90 महीने की आरडी पर 6 पर्सेंट, 120 महीने की आरडी पर 6 पर्सेंट का ब्याज देगा।
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क्या है रेकरिंग डिपॉजिट
रेकरिंग डिपॉजिट(RD), फिक्स्ड इंटरेस्ट और फिक्स्ड टेन्योर के लिए मंथली सेविंग स्कीम है। FD की तरह, RD पर भी आपको पूरे टेन्योर में वही ब्याज मिलता है, जिस पर डिपॉजिट की शुरुआत में सहमति होती है। इसका मतलब है कि आपके बैंक अकाउंट से हर महीने एक निश्चित राशि काट ली जाती है या आप हर महीने एक निश्चित राशि को जमा कर सकते हैं। RD में ज्यादातर बैंक डिपॉजिट की मैच्योरिटी पर ब्याज देते हैं जबकि FD में आपको नियमित अंतराल पर ब्याज का विकल्प मिलता है।