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बीते 1 जुलाई से HDFC लिमिटेड का HDFC बैंक में मर्जर प्रभावी है। इस मर्जर के बाद कई अहम बदलाव हुए हैं। उदाहरण के लिए HDFC लिमिटेड में आपकी मौजूदा फिक्स्ड डिपॉजिट अब केंद्रीय रिजर्व बैंक के जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (DICGC) नियमों के तहत आएगी। इसका मतलब है कि आपकी डिपॉजिट पर 5 लाख रुपये का बीमा कवर होगा। अब जब HDFC लिमिटेड का HDFC बैंक में विलय हो गया है, तो यह सुविधा HDFC लिमिटेड के फिक्स्ड डिपॉजिट ग्राहकों को भी उपलब्ध होगी।
HDFC बैंक के मुताबिक, एचडीएफसी लिमिटेड द्वारा जारी मौजूदा जमा रसीद एफडी की मैच्योरिटी तक वैध बनी रहेगी। इसके अलावा, ब्याज दरों, ब्याज गणना पद्धति, टेन्योर मैच्योरिटी आदि की शर्तों में कोई बदलाव नहीं होगा। एफडी की मैच्योरिटी या नवीनीकरण तक वे वही रहेंगे। एफडी खाता संख्या में भी बदलाव नहीं होगा।
HDFC बैंक के अनुसार, एचडीएफसी लिमिटेड के पास रखी गई एफडी को ग्राहक स्वयं-सेवा पोर्टल के माध्यम से दिखाया जाता रहेगा। ग्राहक पोर्टल के माध्यम से बुक की गई नई जमा राशि की सेवा भी इसके माध्यम से जारी रहेगी।
मर्जर के मायने: बता दें कि मर्जर प्रभावी होने के साथ ही एक स्वतंत्र इकाई के तौर पर एचडीएफसी लिमिटेड का अस्तित्व खत्म हो गया है। यह मर्जर देश के कंपनी जगत का सबसे बड़ा सौदा है। इसका साइज 40 अरब डॉलर का है। एचडीएफसी बैंक ने चार अप्रैल, 2022 को देश की सबसे बड़ी आवास वित्त कंपनी एचडीएफसी का खुद में मर्जर करने पर सहमति जतायी थी। इस मर्जर के बाद देश की एक बड़ी वित्तीय सेवा कंपनी सृजित होगी, जिसकी कुल परिसंपत्ति 18 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगी।