Green vegetables Latest Price: महंगाई की पिच पर हरी सब्जियां ऐसे धराशायी हो जाएंगी, किसी ने सोचा नहीं होगा। यह ठीक वैसे ही है, जैसे आईपीएल 2022 में कई बार की चैम्पियन रही मुंबई और चेन्नई के साथ हुआ। दोनों चैंम्पियन का प्रदर्शन औसत से भी कम रहा। आज वैसे ही हश्र नेनुआ, भिंडी, तोरई, करेला, लौकी का हो रहा है।
चंद महीने पहले तक 60 से 80 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकने वाली इन हरी सब्जियों की कीमतों में भारी गिरावट आई है। नेनुआ, भिंडी, तोरई, करेला, लौकी छोटे-छोटे कस्बों के बाजारों में 10 रुपये के 3 किलो मिल रहे हैं। वह भी बिल्कुल ताजी। जबकि, शहरों में अभी भी ये हरी सब्जियां 20 से 30 रुपये किलो बिक रही हैं।
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दरअसल शादियों के सीजन के चलते हरी सब्जियों की डिमांड कम हो गई है। इसका असर ये है कि किसानों को अपनी सब्जियों की लागत तो छोड़िये, मंडी तक पहुंचाने का किराया भी नहीं निकल रहा है। 31 मई मंगलवार को उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के मथौली कस्बे में नेनुआ, भिंडी, तोरई, करेला, लौकी 10 रुपये में 3 किलो के भाव से बिक रहे थे। वहीं, परवल 30 रुपये और टमाटर 80 रुपये किलो था।
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अगर सरकारी आंकड़ों की बात करें तो पिछले एक महीने में टमाटर का खुदरा औसत भाव 69.72 प्रतिशत उछलकर 31.67 रुपये से 53.75 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं प्याज 0.67 फीसद सस्ता हुआ है। उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए गए ताजा आंकड़ों के मुताबिक प्याज 23.91 रुपये के औसत भाव से 23.75 रुपये पर आ गया है। शादी समारोहों में आलू की मांग को देखते हुए यह एक महीने में 13.94 फीसद चढ़कर 21.30 रुपये से 24.27 रुपये पर पहुंच गया है। हालांकि अधिकतर खुदरा बाजारों में इसकी कीमत 20 रुपये प्रति किलो है, जबकि प्याज 15 रुपये।