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स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका दायर करने वाली एयरलाइन Go First के कई कर्मचारी भारत के अलग-अलग हिस्से के अलावा विदेशों में फंसे हुए हैं। दरअसल, Go First ने खुद को दिवालिया घोषित करते हुए 5 मई तक के लिए सभी उड़ान सेवाओं को रद्द कर दिया है। इस वजह से यह नौबत आई है।
कहां-कहां फंसे कर्मचारी: मामले से वाकिफ सूत्रों ने बिजनेस टुडे को बताया है कि केबिन क्रू और पायलट उन जगहों पर फंसे हुए हैं जहां 3 मई से 5 मई के बीच उड़ान भरी जानी थी। सूत्र ने कहा-गो फर्स्ट की उड़ानें अबुधाबी से बुधवार से शुक्रवार तक निर्धारित थीं। बैंकॉक, मस्कट और फुकेत से भी कुछ उड़ानें निर्धारित हैं। इन सभी रूट की उड़ानों को निलंबित कर दिया गया है, ऐसे में कर्मचारी वहीं फंसे रह गए हैं। सूत्रों के मुताबिक यह स्थिति विदेश में फंसे कर्मचारियों के लिए विशेष रूप से चुनौतीपूर्ण है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों के लिए एयरपोर्ट से बाहर कदम रखने की अनुमति होगी भी या नहीं, यह कहना मुश्किल है।
एयरपोर्ट पर रहना होगा: एक सूत्र ने कहा- कर्मचारियों के लिए एक या दो दिनों के लिए मैनेज हो जाएगा लेकिन अगर वे घर वापस जाने के लिए कोई और उड़ान नहीं भरते हैं, तो बहुत मुश्किल होगी। ये कर्मचारी एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल सकते हैं। देश के अलग-अलग हिस्सों में भी एयरलाइन के कर्मचारी फंसे हुए हैं। अब आगे क्या होगा, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है।
केबिन क्रू के एक सदस्य ने बताया- मैं इस सप्ताह की शुरुआत में जयपुर के लिए उड़ान भर चुका था और बुधवार को बेंगलुरु के लिए उड़ान भरने वाला था। लेकिन जब से उड़ान निलंबित कर दी गई है, मेरे चालक दल के सदस्य और मैं यहां रह गए हैं। हम यह भी नहीं जानते कि शनिवार से उड़ानें जारी रहेंगी या नहीं। हालांकि, गो फर्स्ट की ओर से इस मामले में किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।
कल होगी सुनवाई: बता दें कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) नकदी संकट से जूझ रही एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगी। वाडिया समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन दूसरी प्रमुख विमानन कंपनी है। इससे पहले जेट एयरवेज ने भी दिवाला कार्यवाही के लिए अपील की थी।