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नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने संकटग्रस्त एयरलाइन कंपनी Go First से अपना परिचालन फिर शुरू करने से पहले विस्तृत पुनरुद्धार योजना पेश करने को कहा है। इसके लिए एयरलाइन को 30 दिन का समय दिया गया है। इससे पहले, डीजीसीए ने एयरलाइन से संचालन योग्य विमान, पायलट और अन्य कर्मियों, देखभाल प्रबंधन और फंड समेत अन्य चीजों की जानकारी देने के लिए भी कहा था। बता दें कि स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही का सामना कर रही एयरलाइन की उड़ान सेवाएं तीन मई से बंद हैं।
न्यायाधीश ने खुद को किया अलग: इस बीच, दिल्ली हाईकोर्ट की एक न्यायाधीश ने गो फर्स्ट को लीज पर विमान मुहैया कराने वाली कंपनियों की तरफ से दायर अर्जियों पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है। न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कोई कारण बताए बगैर इन याचिकाओं की सुनवाई से खुद को अलग करने की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस मामले को अब मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर शुक्रवार को किसी अन्य न्यायाधीश के समक्ष सुनवाई के लिए रखा जाए।
बता दें कि गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू होने के बाद एयरलाइन को किराये पर विमान देने वाली कंपनियों ने अपने विमानों की संबद्धता खत्म करने की अपील की है। उन्होंने याचिका दायर कर संबंधित अधिकारियों को विमान लौटाने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। याचिका दायर करने वाली कंपनियों में एसिपिटर इन्वेस्टमेंट्स एयरक्राफ्ट, ईओए एविएशन, पेम्ब्रोक एयरक्राफ्ट लीजिंग और एसएमबीसी एविएशन शामिल हैं।
एयरलाइन ने कर्मचारियों से कही ये बात: Go First ने बताया था कि उड़ान सेवाओं की फिर अनुमति देने से पहले डीजीसीएस तैयारियों को ऑडिट करेगा। गो फर्स्ट द्वारा अपने कर्मचारियों को भेजी गई सूचना में यह जानकारी दी गई थी। गो फर्स्ट के मुताबिक गो फर्स्ट ने कहा कि सरकार ने बहुत सहयोग दिया है और एयरलाइन को जल्द से जल्द परिचालन शुरू करने के लिए कहा है।