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स्वैच्छिक दिवालिया घोषित करने वाली प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन Go First के करीब 5000 कर्मचारियों की नौकरी पर संकट है। इस संकट से जूझ रहे कर्मचारियों के लिए टाटा की एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया एक बड़ा मौका दे रही है। दरअसल, एयर इंडिया ने बड़े पैमाने पर वैकेंसी निकाली है। इसके लिए दिल्ली में वॉक-इन इंटरव्यू का आयोजन किया गया है।
इस इंटरव्यू में Go First के पायलट समेत कई कर्मचारी पहुंचे थे। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक एयर इंडिया के वॉक-इन इंटरव्यू में शामिल Go First के पायलटों ने कहा कि हमें अपनी फ्लाइंग लाइसेंस को आगे जारी रखने के लिए नई नौकरी जरूरी है। बता दें कि Go First के सीईओ ने इससे पहले कहा था एयरलाइन अपने कर्मचारियों के लिए प्रतिबद्ध है और अपने परिचालन को पटरी पर लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।
इस बीच, राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने संकट में फंसी एयरलाइन Go First की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। एनसीएलटी के अध्यक्ष न्यायमूर्ति रामलिंगम सुधाकर की अगुवाई वाली दो सदस्यीय पीठ ने दिनभर चली सुनवाई के बाद अपना फैसला सुरक्षित रखने की बात कही।
Go First की अपील: बता दें कि वाडिया समूह के नियंत्रण वाली Go First एयरलाइन ने अपनी याचिका में दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू करने की अपील की है। इसके साथ ही एयरलाइन ने अपनी वित्तीय देनदारियों पर अंतरिम रोक लगाने की भी मांग रखी है।
हालांकि, पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों ने एयरलाइन के इस आग्रह का विरोध करते हुए कहा कि उनका पक्ष सुने बगैर दिवाला समाधान कार्यवाही शुरू नहीं की जा सकती। Go First ने अपनी उड़ानें नौ मई तक रद्द कर दी हैं। इसके साथ ही उसने 15 मई तक टिकट बुकिंग भी रोक दी है।