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प्राइवेट सेक्टर की एयरलाइन गो फर्स्ट की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब विमान लीज पर देने वाली कंपनी SMBC एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने गो फर्स्ट पर राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश को चुनौती दे दी है। यह चुनौती राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (NCLAT) में दी गई है।
क्या है मामला: दरअसल, NCLT की दिल्ली स्थित प्रमुख पीठ ने गो फर्स्ट के खिलाफ दिवाला समाधान प्रक्रिया शुरू करने के लिए एयरलाइन की याचिका को स्वीकार कर लिया है। NCLT ने निदेशक मंडल को भंग करने और कर्ज में डूबी कंपनी के वित्तीय दायित्वों पर रोक लगाते हुए अंतरिम समाधान पेशेवर (आईआरपी) नियुक्त किया है।
NCLT के इसी आदेश के खिलाफ SMBC एविएशन कैपिटल लिमिटेड ने NCLAT में अपील की है। इससे पहले NCLT में सुनवाई के दौरान कई विमान पट्टेदारों ने भी गो फर्स्ट की स्वैच्छिक दिवाला समाधान याचिका का विरोध किया था। बता दें कि SMBC एविएशन विमान लीज पर देने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है।
3 मई से ठप है उड़ान सेवाएं: गो फर्स्ट ने 18 साल पहले उड़ान भरना शुरू किया था। एयरलाइन ने वित्तीय संकट के बीच तीन मई से उड़ानों का परिचालन रोक दिया। प्रैट एंड व्हिटनी से इंजन आपूर्ति नहीं होने के कारण कंपनी के बेड़े में शामिल आधे से अधिक विमान उड़ान नहीं भर पा रहे थे। एयरलाइन पर कुल देनदारी 11,463 करोड़ रुपये है। वहीं, इंजन की आपूर्ति नहीं होने से कंपनी के 28 या आधे से अधिक विमान परिचालन में नहीं हैं।