आजादी के बाद देश के अधिकतर लोग जीवनयापन के लिए संघर्ष कर रहे थे। अपना और परिवार का गुजारा करने के नए अवसर की तलाश में थे। लाला केदारनाथ अग्रवाल भी आजीविका कमाने के लिए बीकानेर से दिल्ली चले गए और चांदनी चौक में एक ट्रॉली में पारंपरिक मिठाई और नमकीन बेचने लगे।
लाला केदारनाथ अग्रवाल की मेहनत और किस्मत ने उनका साथ दिया और बिजनेस जल्द ही चल पड़ा। कुछ ही समय में, उन्होंने उसी क्षेत्र में ‘बीकानेर नमकीन भंडार’ के रूप में एक छोटी सी दुकान शुरू की, जो नमकीन और स्नैक्स बेचती थी, जिसकी बाद में पहचान ‘बीकानेरवाला’ के रूप में हुई। यह ब्रांड बीकानेरी भुजिया और दूसरे स्नैक्स के लिए लोकप्रिय हो गया।
साल 1968 में परिवार के इस कारोबार से श्याम सुंदर अग्रवाल भी जुड़ गए। ये वो वक्त था जब श्याम सुंदर अग्रवाल की उम्र महज 16 साल थी। उन्होंने अपने पिता से मिठाई से जुड़ी हर बारिकियों को सीखा और कारोबार को आगे बढ़ाने का फैसला लिया। उन्होंने देश के अलग-अलग हिस्सों में कई आउटलेट्स खोले। इसके अलावा ग्लोबली भी कारोबार विस्तार करने का फैसला लिया और इसके लिए Bikano ब्रांड के तहत दुनिया भर में पैकेज्ड मिठाइयां और नमकीन की बिक्री शुरू की गई। आज Bikano स्वीट, स्नैक्स जैसे पैकेज्ड फूड्स आइटम्स में चर्चित ब्रांड है। इसके अलावा Bikano के समर ड्रिंक्स और शरबत भी काफी फेमस हैं।
श्याम सुंदर अग्रवाल के बारे में: बीकानेरवाला फूड्स प्राइवेट लिमिटेड के एमडी श्याम सुंदर अग्रवाल राजस्थान के बीकानेर शहर के लालजी परिवार से ताल्लुक रखते हैं। यह परिवार ‘बीकानेरवाला’ ब्रांड की वजह से फेमस हुआ। अग्रवाल ने अपने बेटे और ग्रुप के डायरेक्टर मनीष अग्रवाल के साथ मिलकर ग्रुप को नया मुकाम दिया। श्याम सुंदर अग्रवाल ने 2018 में ऑल इंडिया फूड प्रोसेसर्स एसोसिएशन के प्लेटिनम जुबली सम्मेलन में भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त किया।
मनीष अग्रवाल की बात करें तो साल 2000 में Bikano की बागडोर संभाली। उन्होंने RMIT यूनिवर्सिटी, ऑस्ट्रेलिया से पढ़ाई की। उन्होंने बीकानेरवाला फूड्स के निदेशक के रूप में यूके, यूएसए, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, एशिया, मध्य पूर्व, अफ्रीका सहित दुनियाभर के 35 से अधिक देशों में कंपनी का विस्तार किया है। वर्तमान में देश के शहर से ग्रामीण इलाकों तक Bikano की पहुंच है। हर रिटेल आउटलेट्स पर Bikano ब्रांड के नमकीन, स्वीट, स्नैक्स आदि मौजूद हैं। Bikano ने रेडी टू ईट (आरटीई) सेगमेंट में भी प्रवेश किया है।
रेडी टू ईट और पैकेज्ड मिठाइयों की भारी मांग को देखते हुए मनीष कहते हैं कि इस बाजार में उच्च क्षमता है। बिकानो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों के लिए कई उत्पाद जारी करने की योजना बना रहा है। इसका उद्देश्य इन सेगमेंट को और विकसित करना है और आने वाले समय में ग्राहकों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।
मनीष अग्रवाल कहते हैं कि हमारी टीम का अंतिम लक्ष्य हर पड़ोस की दुकान में बीकानो के उत्पादों को आसानी से उपलब्ध कराना है। हम ग्रामीण इलाकों के साथ-साथ टियर II और टियर III शहरों में भी अपनी पैठ बना रहे हैं।
1994 में पहला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट : बीकानेरवाला ने हरियाणा के फरीदाबाद में पहला मैन्युफैक्चरिंग प्लांट 1994 में शुरू किया। इसके बाद 1995 में बीकानेरवाला ने पेप्सिको के ब्रांड Lehar के लिए नमकीन बनाने को एक विशेष समझौता किया। वहीं बीकानेरवाला ने बिकानो के ब्रांड नाम के तहत पैक की गई मिठाइयां और नमकीन बेचने के साथ-साथ बिकानो चाट कैफे भी खोले थे।
कहां-कहां प्लांट: बता दें कि साल 2009 में ग्रेटर नोएडा में एक प्लांट की शुरुआत की गई। वहीं, 2013 में राई सोनीपत के प्लांट में कामकाज शुरू किया गया। बीते साल यानी 2022 में कंपनी ने दक्षिण भारत में विस्तार की योजना पर काम किया। इसी कड़ी में हैदराबाद में प्लांट स्थापित किया गया।