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Adani Wilmar shares slip 3 percent to hit one-year low price – Business News India – अडाणी विल्मर के शेयर 3% गिरकर एक साल के निचले स्तर पर पहुंचे, एक्सपर्ट बोले- निवेशक अभी नहीं खरीदें, बिजनेस न्यूज

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अडाणी विल्मर (Adani Wilmar) लिमिटेड के शेयरों में आज (20 नवंबर) गिरावट देखी गई। जिससे उनकी दो दिन की तेजी रुक गई। स्टॉक 2.71% फिसलकर एक साल के निचले स्तर 287 रुपए पर पहुंच गया। इस कीमत पर शेयर में पिछले एक महीने में लगभग 15 फीसदी और साल-दर-साल (YTD) आधार पर 52 फीसदी की गिरावट आई है। शेयर की कीमत में गिरावट की वजह उस रिपोर्ट को माना जा रहा है जिसमें अडाणी ग्रुप कथित तौर पर अडाणी विल्मर में अपनी 43.97% की पूरी हिस्सेदारी बेचने के लिए कई मल्टीनेशनल कंज्यूमर गुड्स कंपनियों से बातचीत करर हा है।

टेक्निकल सेटअप पर विश्लेषकों ने मोटे तौर पर सुझाव दिया कि काउंटर ‘कमजोर’ दिख रहा है। काउंटर पर तत्काल समर्थन 283 रुपए पर देखा जा सकता है। DRS फिनवेस्ट के संस्थापक रवि सिंह ने कहा, “शेयर कमजोर दिख रहा है। यह निकट अवधि में 265 रुपए के स्तर तक फिसल सकता है। उच्च स्तर पर प्रतिरोध 295 रुपए के आसपास होगा। टिप्स2ट्रेड्स के एआर रामचंद्रन ने कहा, “अडाणी विल्मर मंदी की स्थिति में है, लेकिन दैनिक चार्ट पर 303 रुपए के मजबूत प्रतिरोध के साथ ओवरसोल्ड भी है। निवेशकों को केवल तभी खरीदारी करनी चाहिए, जब यह उक्त प्रतिरोध स्तर से ऊपर बंद हो। अगला समर्थन 283 रुपए पर होगा।

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आनंद राठी शेयर्स और स्टॉक ब्रोकर्स के सीनियर मैनेजमेंट तकनीकी अनुसंधान विश्लेषक, जिगर एस पटेल ने कहा, “काउंटर लगातार निचला स्तर बना रहा है, जो एक अच्छी तरह से स्थापित मंदी की प्रवृत्ति का संकेत है। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ेंगे, 250 रुपए को महत्वपूर्ण समर्थन के रूप में देखा जाएगा और प्रमुख प्रतिरोध 350 रुपए के करीब देखा जाएगा। कोई 250 रुपए की उम्मीद कर सकता है। अगले महीने के लिए अडाणी विल्मर के लिए ट्रेडिंग जोन 350 रुपए होगा।”

कंपनी ने वित्त वर्ष 2014 की दूसरी तिमाही के कमजोर आंकड़े दर्ज किए, जिसमें रेवेन्यू/EBITDA 13.3%/43.4% सालाना आधार पर 77.2 करोड़ रुपए के समायोजित घाटे के साथ कम हुआ। नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा, “खाद्य तेल की मात्रा सालाना आधार पर 4 फीसदी बढ़ी है, जबकि सफोला खाद्य तेल की मात्रा में 19 फीसदी की गिरावट आई है, जो कम एकल-अंक में है और उसी तिमाही में मूल्य में 12 फीसदी की गिरावट आई है।”

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“अडाणी विल्मर ने हाजिर (भौतिक) और भविष्य की कीमतों में अलग-अलग रुझानों के कारण खाद्य तेल में घाटे के कारण 130 करोड़ रुपए का समायोजित घाटा दर्ज किया, जिसके परिणामस्वरूप हेजिंग घाटा हुआ। बासमती और गैर-बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध जारी रहा। EBITDA मार्जिन सालाना आधार पर 62 आधार अंक कम होकर मात्र 1.2% पर आ गया।” नुवामा ने यह भी बताया कि कंपनी को हेजेज मिसलिग्न्मेंट के कारण Q1 FY24 और Q2 FY24 दोनों में घाटा हुआ, जिससे स्पॉट और फ्यूचर मार्केट में अलग-अलग हलचल हुई।

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