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Reliance Naval & Engineering share: कंपनी के लिए 263 करोड़ रुपये की अग्रिम नकद राशि के भुगतान की समय सीमा बढ़ाने के लिए लेंडर्स दिवालिया रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग (Reliance Naval & Engineering) की सबसे ऊंची बोली लगाने वाली कंपनी हेज़ल मर्केंटाइल के साथ बातचीत कर रहे हैं। यदि बातचीत विफल हो जाती है, तो लेंडर्स संपत्ति की फिर से नीलामी के लिए आगे के निर्देश मांगने के लिए एनसीएलटी में जाने की योजना बना रहे हैं। इस साल मार्च में नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) के आदेश के अनुसार, हेज़ल के पास अग्रिम नकद राशि का भुगतान करने के लिए 23 जुलाई तक का समय है।
क्या है डिटेल
अनिल अंबानी समूह की पूर्व कंपनी द्वारा 13,000 करोड़ रुपये का लोन चुकाने में चूक के बाद हेज़ल ने रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग के लिए 2,100 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। इसमें से उसे मार्च तक अग्रिम राशि के रूप में 263 करोड़ रुपये और अगले पांच वर्षों में किश्तों में शेष राशि का भुगतान करना था। एनसीएलटी अहमदाबाद के निर्देशानुसार कंसोर्टियम ने अब तक 30 करोड़ रुपये जमा किए हैं।
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एक बैंकिंग सूत्र ने कहा, “अगर कंपनी समय पर अग्रिम राशि का भुगतान करने में विफल रहती है तो हम एनसीएलटी से दूसरी नीलामी के लिए आगे बढेंगे।” समाधान योजना की समयसीमा के अनुसार, स्वान एनर्जी को इस साल दिसंबर तक लेंडर्स को 312 करोड़ रुपये और अगले साल दिसंबर तक 196 करोड़ रुपये की एक और किस्त का भुगतान करना है। यह दिसंबर 2025 तक 188 करोड़ रुपये और दिसंबर 2026 तक 280 करोड़ रुपये और दिसंबर 2027 के अंत तक शेष 864 करोड़ रुपये का भुगतान करने पर सहमत हुआ है।
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निवेशकों को तगड़ा नुकसान
रिलायंस नेवल एंड इंजीनियरिंग के शेयर पिछले 13 साल में लगभग 99% टूट गए हैं। इस दौरान यह शेयर 116 रुपये (13 अगस्त 2010 का बंद भाव) से गिरकर 2 रुपये पर आ गए। बता दें कि पिछले एक महीने में यह शेयर 2.22% तक गिर गया। वहीं, इस साल YTD में इसमें 12% से अधिक की गिरावट है।