Rules Change From 1st April 2023: 31 मार्च 2023 को मौजूदा वित्त वर्ष समाप्त हो रहा है। 1 अप्रैल से नए वित्त वर्ष की शुरुआत होने जा रही है। न्यू फाइनेंशिएल ईयर के शुरू होते ही कई नियम बदल जाएंगे। जिसका सीधा असर टैक्सपेयर्स की जिंदगी पर पड़ेगा। 1 अप्रैल से 7 लाख रुपये की इनकम तक टैक्स पेयर्स को कोई टैक्स नहीं देना होगा। आइए जानते हैं कि कौन-कौन से बदल रहे हैं –
1- नई टैक्स प्रणाली
1 अप्रैल 2023 नई टैक्स प्रणाली प्रभावी हो जाएगी। अगर टैक्स पेयर्स इनकम टैक्स रिटर्न भरते वक्त नई और पुरानी टैक्स प्रणाली में से किसी एक का चयन नहीं करने पर नई टैक्स प्रणाली अपने आप डिफॉल्ट हो तौर बना सिलेक्ट हो जाएगा। बता दें, नई कर प्रणाली में 7 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगता है। इसके अलावा 15.5 लाख रुपये से अधिक की इनकम पर 52,500 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन लगेगा।
2- 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में 7 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लेने की बात कही थी। लेकिन यह सुविधा सिर्फ नई टैक्स प्रणाली में ही है। बता दें, नई टैक्स प्रणाली में आपके निवेश पर मिलने वाला छूट प्रभावी नहीं रहेगा।
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3- 50,000 रुपये की अतिरिक्त छूट
पुरानी टैक्स रिजीम के तहत 50,000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता रहेगा। वहीं, नई टैक्स रिजीम के तहत 15.50 लाख रुपये या उससे अधिक की इनकम वाले व्यक्ति को 52,500 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलेगा।
4- इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव
0-3 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं
3-6 लाख रुपये तक – 5 प्रतिशत
6-9 लाख रुपये तक – 10 प्रतिशत
9-12 लाख रुपये तक – 15 प्रतिशत
12 से 15 लाख रुपये तक – 20 प्रतिशत
15 लाख रुपये से अधिक की आय पर – 30 प्रतिशत
5- एलटीए
गैर सरकारी कर्मचारियों के लिए लीव इनकैशमेंट की एक सीमा होती थी। 2002 में यह सीमा 3 लाख रुपये थी। जिसे बढ़ाकर 25 लाख रुपये कर दी गई है।
6- एलटीसीजी टैक्स बेनिफिट अब म्युचुअल फंड्स में नहीं मिलेगा
नए फाइनेंशिएल तारीख की पहली तारीख यानी 1 अप्रैल 2023 से डेट म्युचुअल फंड्स में शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स लगेगा। इस कदम से लॉन्ग टर्म टैक्स बेनिफिट टैक्स निवेशकों को नहीं मिलेगा।
7- मार्केट लिंक्ड डिबेंचर्स (MLDS)
नए फाइनेंशिएल ईयर से मार्केट लिंक्ड डिबेंचर (एमएलडी) में निवेश अल्पकालिक पूंजीगत संपत्ति होगी।
8- लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में सालाना 5 लाख रुपये से अधिक के निवेश पर 1 अप्रैल से टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने अपने बजट स्पीच में कहा था कि नई टैक्स रिजीम यूलीप पर एप्लीकेबल नहीं है।
9- सीनियर सिटीजन को अतिरिक्त लाभ
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम में अब अधिकतम 30 लाख रुपये जमा किया जा सकता है। पहले यह सीमा 15 लाख रुपये थी।
वहीं, मंथली इनकम स्कीम में 4.5 लाख रुपये की सीमा बढ़ाकर 9 लाख रुपये कर दिया गया है। ज्वाइंट खाता होने पर लिमिट 1 अप्रैल से 15 लाख रुपये हो जाएगी।
10 – फिजिकल गोल्ड का ई-गोल्ड रिसिप्ट बदलने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा
अपने बजट स्पीच में 2023 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को फिजिकल गोल्ड के इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसिप्ट में बदलने पर कोई कैपटिल गेन टैक्स नहीं देना पड़ेगा।