आज 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी होने जा रही है। जहां सरकार को इससे बड़ी कमाई की उम्मीद है तो वहीं उपभोक्ताओं को भी इससे लाभ होगा। केंद्र सरकार आने वाले दिनों में देश में आजादी के पहले से चले आ रहे टेलीकॉम नियम कानूनों में बड़े पैमाने पर फेरबदल पर विचार कर रही है। टेलीकॉम विभाग ने इस बारे में परामर्श पत्र जारी कर सभी हितधाकरों से राय मांगी है। हितधारकों को 25 अगस्त तक अपनी राय देनी है उसके बाद नए नियम कानूनों पर मंथन किया जाएगा।
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विभाग की वेबसाइट पर दिए गए परामर्श पत्र के मुताबिक सरकार देश में 5जी तकनीक लाने के साथ ही व्यापक तौर पर इस दिशा में नियम कानूनों को विश्वस्तरीय बनाना चाहती है। इसके लिए कंपनियों के ऊपर लगाई जाने वाली पेनाल्टी को घटाने के मसले पर हितधारकों से राय मांगी गई है। साथ ही ये भी पूछा गया है कि किस तरह से मर्जर और अधिग्रहण के नियमों को आसान बनाया जा सकता है।
दुनियाभर में हो रहे तकनीकी बदलावों के साथ तालमेल बिठाने के मकसद से बन रहे नए नियम कानूनों को इसलिए भी आसान बनाया जा रहा है ताकि बड़े पैमाने पर इस क्षेत्र में निवेश आकर्षित किया जा सके। नए कानून में ऐसे प्रावधान किए जाने की भी मंशा है जिससे सार्वजनिक आपातकाल, सार्वजनिक सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों का भी ध्यान रखा जा सके।
परामर्श पत्र में कहा गया है कि जिस तरह से मौजूदा दौर में शिक्षा, मनोरंजन, टेलीमेडिसिन और ई-मंडियों तक में टेलीकम्युनिकेशन का इस्तेमाल हो रहा है, ऐसे में केंद्र सरकार के पास व्यापक कानूनों का फ्रेमवर्क तैयार रहना चाहिए। ताकि वो टेलिकॉम सेवाओं, इक्विपमेंट, नेटवर्क और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए प्रासंगिक मानक तय कर सके।
इन विषयों के अलावा टेलीकॉम विभाग मौजूदा सभी नियमों को आसान बनाने पर भी रायशुमारी कर रहा है ताकि इन नियमों को लोगों के लिए समझना आसान हो सके और कंपनियों को कामकाज में भी समस्याएं न आएं।