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Hindenburg research report effect: भारतीय शेयर बाजार में पिछले एक महीने से अडानी ग्रुप के शेयरों में ताबड़तोड़ गिरावट देखी जा रही है। ग्रुप के शेयर लगभग 80% तक टूट चुके हैं। इस बीच, कोहिनूर फूड्स के शेयर भी लगातार गिरते जा रहे हैं। बता दें कि कोहिनूर फूड्स (Kohinoor Foods Ltd) को अडानी ग्रुप ने पिछले साल मई में खरीदने का ऐलान किया था, जिसके बाद यह लगातार महीनेभर अपर सर्किट को हिट किया था। लेकिन हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप पर गहराई संकट के बाद कोहिनूर फूड्स के शेयर भी गिर रहे हैं। कंपनी के शेयर आज गुरुवार को लगभग 1% टूटकर 52.50 रुपये पर बंद हुए।
महीनेभर में 34% गिरा शेयर
कोहिनूर फूड्स के शेयर पिछले एक महीने में 34% तक टूट चुका है। इस दौरान यह शेयर 79 रुपये से गिरकर वर्तमान प्राइस तक आ गया है। इस साल YTD में यह शेयर 6.33% गिरा है। पिछले एक साल 577.42% का मल्टीबैगर रिटर्न दिया है।
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अडानी ने खरीदी थी कंपनी
मई 2022 की शुरुआत में अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL) ने मैककॉर्मिक स्विट्जरलैंड जीएमबीएच से दिग्गज कोहिनूर ब्रांड सहित कई ब्रांडों के अधिग्रहण की घोषणा की थी। कंपनी ने एक बयान में कहा था कि इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल को भारत में कोहिनूर ब्रांड के तहत रेडी टू कुक, रेडी टू ईट, करी और खाद्य पोर्टफोलियो के साथ कोहिनूर बासमती चावल ब्रांड पर विशेष अधिकार मिल जाएगा। कोहिनूर के घरेलू ब्रांड पोर्टफोलियो से FMCG कैटेगरी में एडब्ल्यूएल की स्थिति मजबूत होगी। इस अधिग्रहण से एडब्ल्यूएल चावल और अन्य खाद्य व्यवसायों में अधिक उत्पादों की पेशकश कर सकेगी।
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कोहिनूर फूड्स का कारोबार
कोहिनूर फूड्स फूड प्रोडक्ट्स के निर्माण, व्यापार और मार्केटिंग के व्यवसाय में लगा हुआ है। कंपनी दुनिया भर में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक बड़े स्तर पर सप्लाई चेन की सुविधा प्रदान कर रही है। कोहिनूर फूड्स के पास बासमती चावल के अलग अलग वैरायटीज से लेकर, खाने के लिए तैयार करी, रेडीमेड ग्रेवी, कुकिंग पेस्ट, चटनी, मसाले और सीज़निंग से लेकर फ्रोजन ब्रेड, स्नैक्स, स्वस्थ अनाज, और खाद्य तेल का कारोबार कर रही है।