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साल 2022 के मई महीने में मॉरीशस के वित्तीय नियामक वित्तीय सेवा आयोग (FSC) ने इमर्जिंग इंडिया फंड मैनेजमेंट लिमिटेड (EIFM) के व्यापार और निवेश लाइसेंस रद्द कर दिए थे। EIFM दो विदेशी फंड्स के नियंत्रक हैं, जिसने अडानी समूह की कंपनियों में निवेश किया था और अब जांच के दायरे में हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय सेवा आयोग (FSC) प्रवर्तन समिति ने EIFM द्वारा कानूनों के कई प्रावधानों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए लाइसेंस को रद्द किया। इस कार्रवाई के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग पर अंकुश लगाने, कॉर्पोरेट प्रशासन सुनिश्चित करने की कोशिश की गई। लाइसेंस रद्द करने का मतलब है कि EIFM की परिचालन बंद हो गई है। रिपोर्ट में एक FSC प्रवक्ता ने कहा-जब कोई लाइसेंस रद्द किया जाता है, तो यह स्थायी आधार पर होता है।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट: आपको बता दें कि जनवरी 2023 में अमेरिका के शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में दावा किया गया था अरबपति गौतम अडानी ने अपनी लिस्टेड कंपनियों के शेयरों के भाव में हेराफेरी करने के लिए मॉरीशस में बनाई गई फर्जी कंपनियों का इस्तेमाल किया है। इन आरोपों को अडानी समूह ने भी सिरे से खारिज किया था और मॉरीशस की सरकार ने भी रिपोर्ट को झूठा बताया।
गौरतलब है कि EIFM को मॉरीशस के वित्तीय खुफिया और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग विनियमों के 2003 और 2018 दोनों एडिशन के उल्लंघन का दोषी ठहराया गया था। मार्च-अप्रैल 2018 के दौरान EIFM के दो मॉरीशस फंड्स के पास अडानी पावर लिमिटेड का 3.9%, अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड का 3.86% और अडानी एंटरप्राइजेज लिमिटेड का 1.73% हिस्सा था।