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17 साल का इंतजार खत्म…टाटा के हाथ आते ही चमक गई एयर इंडिया की किस्मत

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Air India Mega Deal: आठ अक्टूबर 2021 का दिन टाटा समूह  (Tata Group) के लिए बेहद खास था। इस दिन टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टैलेस प्राइवेट लिमिटेड ने कर्ज में डूबी एयर इंडिया  (Air India) के अधिग्रहण की बोली जीत ली थी। इसके बाद से यह उम्मीद की जा रही थी कि एयर इंडिया का कलेवर बदल जाएगा। हालांकि, इसके लिए टाटा समूह ने अपने कदम बढ़ाने शुरू कर दिए हैं। 

इसी कड़ी में एयर इंडिया ने एयरबस और बोइंग से कुल 470 बड़े और छोटे आकार के विमान खरीदने की घोषणा की है। इसमें अमेरिका की कंपनी बोइंग से 220 विमान का ऑर्डर भी शामिल हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन के मुताबिक एयर इंडिया और बोइंग की डील से 10 लाख नौकरियां जनरेट होंगी। वहीं, एयरबस के साथ एयर इंडिया की डील में ब्रिटेन की कंपनी रोल्स रॉयस की बड़ी भूमिका होगी। दरअसल, एयरबस के विमान में जिस इंजन का इस्तेमाल होगा, वो रोल्स रॉयस बनाएगी।

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जानिए कितने विमान खरीदेगी कंपनी?
टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयरलाइन एयरबस से 40 बड़े आकार के एयरबस ए350 और  10 बोइंग 777-9 विमान खरीदेगी। इसके अलावा वह 210 छोटे आकार के एयरबस ए320/321 नियो और 190 बोइंग 737 मैक्स विमान खरीदेगी। एयर इंडिया के मुताबिक पहला नया विमान 2023 के अंत में सेवा में आएगा। इसके अलावा अन्य विमान 2025 तक मिलेंगे। अभी एयरबस के भारत में 470 कॉमर्शियल विमान परिचालन में है। एयर इंडिया के नए ऑर्डर के बाद भारत में एयरबस के पास कुल 850 विमानों का ऑर्डर हो गया है। 

2005 के बाद पहला ऑर्डर
17 साल में यह पहला मौका है जब एयर इंडिया विमान खरीद के ऑर्डर देने जा रही है। वहीं, टाटा समूह के स्वामित्व में आने के बाद यह एयर इंडिया का पहला ऑर्डर होगा। बता दें कि साल 2005 में सरकार के अधीन रहते हुए 111 विमानों का ऑर्डर दिया था। वहीं, 17 सालों पहले दिए गए इस ऑर्डर में 68 बोइंग और 43 एयरबस के विमान खरीदे गए थे।

क्या है एयरलाइन का प्लान?
हाल ही में एयर इंडिया ने Vihaan.AI  नाम से एक समग्र योजना का ऐलान किया है। इसके जरिये अगले पांच वर्षों में एयरलाइन का पूरी तरह कायाकल्प करने का खाका तैयार किया गया है जिसमें घरेलू और विदेशी दोनों ही बाजारों पर जोर दिया जाएगा। वहीं, अगले पांच वर्षों में एयर इंडिया अपनी बाजार हिस्सेदारी को बढ़ाकर भारतीय बाजार में कम-से-कम 30 प्रतिशत करने की कोशिश करेगी। नागर विमानन महानिदेशालय के आंकड़ों के मुताबिक एयर इंडिया की घरेलू बाजार में हिस्सेदारी जुलाई में 8.4 प्रतिशत थी।

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क्रू मेंबर्स की कमी से जूझ रही एयरलाइन
ये भी अहम है कि एयर इंडिया क्रू मेंबर्स की कमी से भी जूझ रही है। बीते दिनों ऐसी भी खबरें आई थीं कि क्रू मेंबर्स नहीं होने की वजह से अमेरिका और कनाडा की कुछ उड़ानें या तो रद्द हो रही हैं या फिर उनकी रवानगी देरी से हो रही है। आपको बता दें कि टाटा समूह की कंपनी एयर इंडिया को पिछले साल भी क्रू मेंबर्स की कमी के कारण परेशानी का सामना करना पड़ा था। एयर इंडिया देश की एकमात्र उड़ान सेवा है जो ज्यादा दूरी वाली उड़ानों का परिचालन करती है। इस कैटेगरी में 16 घंटे से ज्यादा समय वाली उड़ानें आती हैं।

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