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टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) के मैनेजमेंट में बड़ा बदलाव हुआ है। 6 साल तक नेतृत्व करने के बाद TCS के सीईओ और एमडी राजेश गोपीनाथन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। राजेश गोपीनाथन के कार्यकाल में TCS ने निवेशकों को खूब मालामाल किया है। इस दौरान TCS के शेयर 164 प्रतिशत चढ़े तो वहीं निवेशकों को 352.50 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड की घोषणा की गई। गोपीनाथन के कार्यकाल के दौरान साल 2018 में 1:1 रेश्यो में बोनस इश्यू दिया गया। वहीं 2018, 2020 और 2022 में क्रमश: 16, 16 और 18 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक का ऐलान हुआ। इस अवधि में TCS का परफॉर्मेंस भी सुधरा है। कोविड और मंदी के बीच कंपनी के CAGR में सुधार हुआ है और यह अब 13 प्रतिशत तक पहुंच गया है।
ब्रोकरेज का क्या कहना है
नुवामा इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने कहा-निश्चित रूप से TCS के मैनेजमेंट में यह बदलाव हर किसी को हैरान करता है। हालांकि, हम इसे कंपनी की एक प्रक्रिया के तौर पर देखते हैं। नुवामा ने कहा-TCS के शेयर की कीमत में किसी भी गिरावट को अवसर के रूप में देखना चाहिए क्योंकि वैल्यूएशन अब महंगा नहीं है। इस वजह से शेयर आकर्षक बन गया है। नुवामा इंस्टीट्यूशनल ने इस शेयर के लिए 4100 रुपये का टारगेट प्राइस तय किया है। इसके साथ ही खरीदारी की सलाह दी है। वर्तमान में शेयर की कीमत बीएसई पर करीब 1 प्रतिशत तेजी के साथ 3200 रुपये से ज्यादा है।
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कृतिवासन संभालेंगे जिम्मेदारी
गोपीनाथन के इस्तीफे के बाद कंपनी ने बैंक, वित्तीय सेवा, बीमा (बीएफएसआई) इकाई के वैश्विक प्रमुख के कृतिवासन को तत्काल प्रभाव से सीईओ मनोनीत किया है। गोपीनाथन ने 21 फरवरी, 2017 को कंपनी के एमडी और सीईओ के रूप में पदभार संभाला। हालांकि, इस्तीफे के बाद भी वह 15 सितंबर तक TCS में बने रहेंगे। गोपीनाथन अपने करियर की शुरुआत से ही टाटा समूह के साथ हैं। वह 1996 में टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप में शामिल हुए थे। 2001 में TCS में चले गए। इसके बाद गोपीनाथन सीएफओ सहित अलग-अलग पद पर रहे। गोपीनाथन ने टीसीएस की जिम्मेदारी चंद्रशेखरन से ली थी।