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Adani Group News: Hindenburg रिसर्च की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी समूह में जो तूफान उठा है वो सोमवार को भी बरकरार रहा। रिपोर्ट पर अडानी समूह की ओर से बार-बार सफाई देने के बाद भी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का सिलसिला जारी है। इसके अलावा अडानी समूह की कंपनियों के डॉलर बॉन्ड में गिरावट भी तेज हो गई। रिपोर्ट के सिर्फ तीन कारोबारी दिन के भीतर निवेशकों को लगभग 72 बिलियन डाॅलर (लगभग 58,000 करोड़ रुपये) का नुकसान हो चुका है।
नहीं दिखा सफाई का असर
हालांकि, गौतम अडानी समूह की ओर से सफाई दी गई लेकिन इसका बहुत ज्यादा असर नहीं दिख रहा है। आपको बता दें कि Hindenburg रिसर्च के आरोपों के जवाब में अडानी समूह ने रविवार को 413 पेज की प्रतिक्रिया जारी की थी। इस सफाई में कहा गया था कि यह देश पर हमला है। इसके बाद सोमवार को हिंडनबर्ग ने अपने आरोपों पर कायम रहते हुए कहा कि अडाणी समूह धोखाधड़ी को राष्ट्रवाद से ढंक नहीं सकता। वहीं, इस सफाई पर स्मार्टकर्मा के विश्लेषक ब्रायन फ्रीटास का कहना है कि अडानी समूह का खंडन निवेशकों की चिंताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त नहीं लग रहा है।
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रेंग रहे अडानी ग्रुप के शेयर
पिछले मंगलवार को कारोबार बंद होने के बाद से बीएसई पर अडानी ट्रांसमिशन का शेयर 41.66 प्रतिशत टूटा है। वहीं, अडानी टोटल गैस में 39.57 प्रतिशत, अडानी ग्रीन एनर्जी में 37.55 प्रतिशत और अडानी पोर्ट्स में 23.75 प्रतिशत की गिरावट आई है। इसके अलावा समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स के शेयर में 22.77 प्रतिशत, एसीसी में 20.32 प्रतिशत, अडानी एंटरप्राइजेज में 19.51 प्रतिशत, अडाणी विल्मर में 14.25 प्रतिशत, अडानी पावर में 14.24 प्रतिशत और एनडीटीवी में 14.22 प्रतिशत की गिरावट आई है। बता दें कि गणतंत्र दिवस पर बृहस्पतिवार को शेयर बाजार बंद रहे थे।
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अडानी समूह की कंपनियों को कर्ज और निवेश की वजह से बैंक शेयर और जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के शेयर में भी गिरावट आई है। तीन दिन में बैंक ऑफ बड़ौदा का शेयर 13 प्रतिशत, भारतीय स्टेट बैंक का 10.77 प्रतिशत और एलआईसी का 8.90 प्रतिशत टूटा है। बता दें कि अडानी एंटरप्राइजेज का फॉलो-ऑन यानी एफपीओ भी जारी हो चुका है। कंपनी के शेयर इक्विटी बिक्री के लिए निर्धारित इश्यू प्राइस से नीचे बने हुए हैं। कंपनी एफपीओ के जरिए 200 अरब रुपये (2.5 अरब डॉलर) जुटाने की कोशिश कर रही है।