खाद्य तेल की कीमतों में बीते एक सप्ताह के दौरान 10 से 20 रुपये प्रति लीटर की गिरावट आई है। सरकार की ओर से आयात शुल्क हटाने और इंडोनेशिया द्वारा पाम ऑयल का निर्यात शुरू किए जाने के बाद से लगातार कमी आ रही है। हालांकि, मसालों की कीमतों में कोई गिरावट नहीं देखी जा रही है।
मसालों की कीमतों में 70 फीसदी तक की तेजी
हल्दी को छोड़ दिया जाएगा तो बाकी मसालों की कीमतों में बीते वर्ष के मुकाबले करीब 70 फीसदी तक की तेजी आई है। वहीं, स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि बाजार में तेजी है, लेकिन ग्राहकों की संख्या में भी बड़ी कमी आई है। सरकार ने बढ़ती महंगाई को देखते हुए बीते महीने खाद्य तेल के आयात पर लगने वाले शुल्क को हटा लिया था और सोयाबीन और सूरजमुखी के 40 लाख टन तेल का आयात ड्यूटी फ्री करने की बात कही थी।
खाद्य तेल की कीमतों में दो सप्ताह में आई गिरावट
तेल 18 मई 4 जून
सोयाबीन तेल 180 165
सरसों तेल 185 170
तिल का तेल 320 300
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मूंगफली का तेल 200 180नोट : कीमत प्रति लीटर में है।
(खारी बावली की दर)
इससे कीमतों पर असर पड़ा है। खारी बावली के व्यापारी हेमंत गुप्ता कहते हैं कि जैसे ही सरकार ने आयात शुल्क हटाने का ऐलान किया तो उसके बाद से ही कीमतों में नरमी आनी शुरू हो गई थी। उधर, इंडोनेशिया ने भी पाम ऑयल के निर्यात पर लगी रोक हटा ली है, जिसके बाद पाम ऑयल की सप्लाई शुरू हो गई है। लेकिन, मसालों की कीमतों से कोई राहत नहीं है।
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किराना कमेटी दिल्ली के प्रधान प्रेम अरोड़ा का कहना है कि इस बार जब फसल तैयार हो रही थी तो उस वक्त भारी बारिश और तूफान आया था। इसके साथ ही गर्मी समय से पहले शुरू हो गई, जिससे फसल पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाई। इससे मसालों के उत्पादन पर असर पड़ा।
मसालों की कीमतों में एक साल में आया अंतर
मसाले 2021 2022
लाल मिर्च 75-150 275
धनिया सूखा 70-100 140-180
जीरा 140-160 240-280
हल्दी 70-90 70-90
काली मिर्च 450-470 530-560
हींग गीली 9000 18000
हींग सूखी 12000 24000
(कीमत प्रति किलो खारी बावली)