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₹50 से टूटकर ₹3 पर आया यह शेयर, 10 महीने में ही 1 लाख घटकर ₹7 हजार हो गया, लगातार विवादों में कंपनी

Stock Crash: इस साल शेयर बाजार के लिए कुछ खास नहीं रहा। ज्यादातर शेयरों ने अपने शेयरहोल्डर्स को नुकसान पहुंचाया है। हालांकि, कुछ शेयरों ने जबरदस्त रिटर्न (Stock Return) भी दिया है। आज हम आपको एक ऐसे शेयर के बारे में बता रहे हैं जिसने इस साल 2022 में अब तक 92% से ज्यादा का नुकसान करा दिया है। YTD में यह शेयर 50 रुपये से टूटकर 3.60 रुपये पर आ गया। BSE-NSE पर यह शेयर 10 अक्टूबर को लास्ट कारोबार किया था। फिलहाल इसकी ट्रेडिंग बंद है। यह शेयर फ्यूचर ग्रुप (Future Group) की कंपनी फ्यूचर रिटेल (Future Retail share) का है। 

निवेशकों को तगड़ा नुकसान
आपको बता दें कि फ्यूचर ग्रुप का यह शेयर इस साल लगातार गिरा है। इससे उन शेयरहोल्डर्स को तगड़ा नुकसान हुआ है, जिन्होंने अब तक इसमें अपने निवेश को बनाए रखा है। यह शेयर 3 जनवरी 2022 को एनएसई पर 50 रुपये पर कारोबार कर रहा था। अब यह 10 अक्टूबर 2022 तक 92% से ज्यादा गिरकर 3.60 रुपये पर पहुंच गया। यानी जिस किसी निवेशक ने इस शेयर में इस साल के शुरुआत में 1 लाख रुपये लगाया होगा उसका एक लाख घटकर मात्र 7,200 रुपये ही रह गया। 

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शेयर गिरने की वजह क्या है?
कर्ज तले दबी यह कंपनी पिछले कुछ सालों से लगातार विवादों में है। फ्यूचर रिटेल ने अमेजन के साथ चल रहे विवाद और अन्य चीजों के बीच अपने कर्जदाताओं को 5,322.32 करोड़ रुपए का भुगतान नहीं किया है। मार्च में, BoI ने एक सार्वजनिक नोटिस के जरिए FRL के ऐसेट पर दावा किया था। बता दें किशोर बियानी के नेतृत्व वाले फ्यूचर ग्रुप की एक प्रमुख फर्म फ्यूचर रिटेल को अब अपने ऋणदाताओं द्वारा ‘‘नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल’’ द्वारा दायर दिवाला प्रक्रिया से जूझ रही है। कंपनी के शीर्ष प्रबंधन में  किशोर बियानी, राकेश बियाणी, राहुल गर्ग, रवींद्र धारीवाल, गगन सिंह व जैकब मैथ्यू शामिल हैं।

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क्या है विवाद?
दरअसल, साल 2019 में अमेजन ने 1500 करोड़ रुपए में फ्यूचर कूपन जो कि फ्यूचर ग्रुप की होल्डिंग कंपनी ही है, उसमें 49% हिस्सेदारी खरीदी थी। इस डील के तहत अमेजन को 3 से 10 साल के भीतर फ्यूचर रिटेल में हिस्सेदारी खरीदने का भी अधिकार मिला था। लेकिन 2020 में फ्यूचर ग्रुप ने अपने रिटेल, होलसेल और लॉजिस्टिक्स बिजनेस को मुकेश अंबानी की रिलायंस रिटेल को 24,713 करोड़ रुपए में बेचने की घोषणा की। इसी के बाद से अमेजन, फ्यूचर ग्रुप और रिलायंस रिटेल में विवाद शुरू हो गया था। 

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