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₹400 का शेयर ₹21 पर बिक रहा, 94% सस्ता हुआ भाव, अब जमकर हो रही खरीदारी, खत्म हुए बुरे दिन!

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Yes Bank Share Price: एक समय था जब दिग्गज प्राइवेट बैंकों में यस बैंक (Yes Bank Share) का नाम लिया जाता था। उस वक्त दलाल स्ट्रीट पर यस बैंक के शेयरों की जबरदस्त डिमांड थी। लेकिन वक्त बदला और बैंक के बुरे दिन शुरू हो गए। दरअसल, कुछ सालों पहले आरबीआई (RBI) ने बैलेंश शीट में गड़बड़ी और एनपीए की वजह से यस बैंक पर कार्रवाई शुरू की और फिर इसके चेयरमैन राणा कपूर पद से हटा दिया गया। लगातार विवादों के बीच दुनियाभर की रेटिंग एजेंसी यस बैंक को लेकर निगेटिव राय देने लगी, इसका असर बैंक के सेहत और शेयर दोनों पर हुआ और तब से शेयर गिरते चले गए। गिरावट का सिलसिला इस हद तक रहा कि कभी 400 रुपये (अगस्‍त 2018 की कीमत) के भाव में बिक रहे शेयर  12.11 रुपये पर पहुंच गए थे। हालांकि, अब जब एक फिर बैंक के कारोबार में सुधार हुआ है तो शेयरों पर भी  इसका असर पड़ा है। 

2 दिन में 20% की तेजी
बता दें कि यस बैंक के शेयरों में पिछले दो कारोबारी दिन से तेजी है और यह शेयर लगातार ऊपर की ओर बढ़ रहा है। आज सोमवार को कंपनी के शेयर 7% तक की तेजी के साथ 21 रुपये पर कारोबार कर रहे थे। इससे पहले शुक्रवार के कारोबारी दिन में यह शेयर 14% से ज्यादा चढ़ गए। पिछले दो ट्रेडिंग सेशंस में ही यस बैंक का शेयर 20% चढ़ गए। एक्सपर्ट के मुताबिक, बैंकिंग शेयर में अभी तेजी जारी रह सकती है।

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क्यों आ रही शेयरों में तेजी?
दरअसल, यस बैंक ने डिजिटल वेंचर्स प्राइवेट के खिलाफ कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) शुरू करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) का रुख किया है। यह ज़ी लर्न लिमिटेड की सब्सिडियरी यूनिट है। प्राइवेट बैंक ने इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड एक्ट 7 के तहत याचिका दायर की है। इससे पहले अप्रैल में 468 करोड़ रुपये के डिफॉल्ट के बाद Zee Learn के खिलाफ इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया शुरू करने के लिए बैंक द्वारा NCLT के समक्ष इसी तरह की इन्सॉल्वेंसी एप्लिकेशन दायर की गई थी।

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RBI ने दी थी 9.99% अधिग्रहण की अनुमति
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने निजी इक्विटी निवेशकों कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट इंटरनेशनल को यस बैंक में 9.99% तक अधिग्रहण करने की सशर्त मंजूरी दी थी। बैंक कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट के साथ मिलकर आरबीआई से संपर्क करेगा कि इसकी अंतिम अनुमति पाने के लिए शर्तों को जल्द पूरा किया जाए। बता दें कि आरबीआई की पहल पर मुश्किलों में घिरे यस बैंक को उबारने के लिए कार्लाइल ग्रुप और एडवेंट वर्ष 2020 में आगे आई थीं। इस योजना के तहत दोनों पीई फर्मों की तरफ से यस बैंक में किया जाने वाला निवेश हाल के वर्षों के बड़े बैंकिंग निवेशों में से एक होगा। 

 

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