Wrap on first day of Rs 2,000 currency note exchange: 2000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने के पहले दिन यानी 23 मई को बैंकों में ज्यादा भीड़ नहीं थी। हालांकि, कुछ निजी बैंकों ने इसके लिए आईडी प्रूफ पर जोर दिया। बैंक अधिकारियों ने कहा कि पहले दिन आए ज्यादातर ग्राहकों के पास 2000 रुपये के कुछ ही नोट थे। वहीं, कुछ बैंकों ने हेड ऑफिस से दिशा-निर्देश नहीं मिलने का हवाला देते हुए मंगलवार को 2000 रुपये के नोट बदलने की सुविधा शुरू नहीं की।
पहले दिन कम थी भीड़
कोलकाता में एसबीआई की शाखा के एक कर्मचारी ने कहा, “कोई भीड़ नहीं है। सुबह से करीब 9 से 10 लोग 2000 रुपये के नोट जमा कराने पहुंचे थे। इनके पास भी चार से पांच नोट ही थे।” पंजाब नेशनल बैंक की न्यू अमृतसर शाखा के मैनेजर भूपिंदर महल ने कहा कि केवल पांच से छह लोग 2,000 रुपये के नोट लेकर आए थे। हम शाखा में लंबी कतारों की उम्मीद कर रहे थे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसकी एक संभावित वजह यह हो सकती है कि लोगों के पास 2,000 रुपये के नोट बदलने के लिए 30 सितंबर तक काफी समय है।
अंबाला में एक बैंक में कैशियर ने बताया कि कोई अलग काउंटर शुरू नहीं किया गया है और कोई भी ग्राहक कैश काउंटर से नोट बदल सकता है। उन्होंने कहा कि नोट बदलने के लिए ज्यादा लोग नहीं आए थे। उत्तर प्रदेश के कानपुर के भी बैंकों में भीड़ नहीं रही। शहर की तीन बैंक शाखाओं का दौरा करने पर पता चला कि 2000 रुपये के नोट बदलने या जमा करने के लिए 8-10 से ज्यादा लोग नहीं थे। एचडीएफसी बैंक के शास्त्री नगर ब्रांच में एक रजिस्टर में व्यक्ति के डिटेल को दर्ज करने के बाद ही 2000 रुपये के नोट स्वीकार किया जा रहा है।
कई जगह बदलने से किया इनकार
कोलकाता में एक स्थानीय निवासी काकोली भद्र बैंक से निराश लौट आईं क्योंकि बैंक ने नोट बदलने से इनकार कर दिया। काकोली भद्र के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि अभी एक्सचेंज की सुविधा शुरू नहीं हुई है, सिर्फ डिपॉजिट स्वीकार किए जा रहे हैं।
पटना के राजा बाजार एचडीएफसी ब्रांच में भी कैशियर ने ₹2000 के नोटों को बदलने से इनकार कर दिया। ब्रांच के कैशियर ने यह दावा किया कि हेडऑफिस से अभी तक कोई दिशानिर्देश नहीं आया है। जब कुछ ग्राहकों ने एक्सचेंज पर जोर दिया, तो कैशियर ने उन्हें एक फॉर्म दिया और आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या वोटर आईडी कार्ड जैसे पहचान पत्र मांगे। कैशियर के मुताबिक वह हेड ऑफिस के निर्देशों का पालन कर रहे हैं।
बुजुर्ग ने लौटाए नोट
एसबीआई की कालिकापुर शाखा में केंद्र सरकार के रिटायर्ड कर्मचारी 69 वर्षीय स्वपन कुमार दास 2000 रुपये मूल्यवर्ग के चार नोट जमा करने आए थे। स्वपन कुमार दास कहते हैं, ” अप्रैल के पहले सप्ताह में जब मैं आया, तो बैंक अधिकारियों ने मुझे 2000 रुपये के पांच नोट दिए। सभी नोट अलमारी में पड़े थे क्योंकि उन्हें इस्तेमाल करना मुश्किल था। जब दिशानिर्देश आए, तो मैंने उन्हें वापस बैंक में जमा करने के बारे में सोचा।”
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दिल्ली में अफरा-तफरी
दिल्ली में 2000 रुपये के नोट बदलने के पहले दिन अफरा-तफरी का माहौल रहा और कई जगह पूरी प्रक्रिया को लेकर भ्रम भी रहा। कुछ लोगों ने यह शिकायत भी की कि बैंकों ने नोट बदलने की जगह उन्हें खातों में जमा करने का दबाव बनाया और उनसे पहचान पत्र भी मांगा। कॉमर्शियल बैंक की शाखाओं पर हालांकि सुबह ज्यादा भीड़ नहीं थी, लेकिन बाद में लंबी कतारें दिखाई देने लगीं। इस दौरान बुजुर्ग नागरिकों के बीच खासतौर से चिंता देखने को मिली। कई ग्राहकों ने असंतोष जताया। दिल्ली में चल रही भीषण गर्मी ने स्थिति को और खराब कर दिया। खासतौर से बुजुर्गों को परेशानी हुई और उन्होंने घंटों इंतजार करने की शिकायत की।
पेट्रोल पंप पर भी बदला जा रहा नोट
देश के अलग-अलग हिस्सों में पेट्रोल पंप पर 2000 रुपये के नोटों को बदला जा रहा है। कानपुर के मॉल रोड स्थित प्रताप संस पेट्रोल पंप के पंप अटेंडेंट अरुण शेट्टी ने कहा, “लोग 50 या 100 रुपये का फ्यूल मांग रहे हैं और हमें 2000 रुपये के नोट दे रहे हैं।”
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ये भी तरीका अपना रहे लोग
2000 रुपये के नोट को बदलने के लिए लोग कैश ऑन डिलीवरी पर जोर दे रहे हैं। ई-कॉमर्स से फूड डिलीवर करने वाले ऐप्स तक पर कैश ऑन डिलीवरी की डिमांड बढ़ गई है। इसके अलावा ज्वेलरी, राशन आदि के जरिए भी 2000 रुपये के नोट को खपाया जा रहा है। बता दें कि बीते शुक्रवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने 2000 रुपये के नोट पर रोक लगा दी थी। हालांकि, अब भी यह लीगल टेंडर है। इसे बदलने या जमा करने की अवधि 23 मई से 30 सितंबर तक है।