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₹120 में टमाटर, ₹250 में अदरक: देशभर में सब्जी की कीमतों में लगी आग लेकिन यहां राहत

Vegetables Price Hike in India: जून में भयंकर गर्मी और पिछले एक सप्ताह से लगातार बारिश के कारण भारत के अलग-अलग हिस्सों में सब्जियों की कीमतें बढ़ गई हैं। अलग-अलग राज्यों के एग्री प्रोड्यूस कमिटी के अधिकारियों का कहना है कि टमाटर की रिटेल कीमत 120 रुपये प्रति किलो, अदरक लगभग 250 रुपये और बैंगन की खुदरा कीमत 100 रुपये प्रति किलो हो  गई  है। 

60% तक बढ़ी कीमतें
लखनऊ, दिल्ली और चंडीगढ़ में सब्जी सेलर्स के अनुसार, अदरक की कीमत एक सप्ताह में लगभग 100 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 250 रुपये, टमाटर 10 दिनों में 40 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 120 रुपये और बैंगन 40 रुपये प्रति किलोग्राम से 100 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। इसके अलावा अन्य सब्जियों की कीमत में भी पिछले 10 दिनों में 20% से 60% के बीच बढ़ोतरी देखी गई है।

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क्या कहते हैं मंडी के लोग
मंडी अधिकारियों ने कहा कि अगर बारिश खलल नहीं डालती है तो मध्य और दक्षिण भारत से फ्रेश सब्जियों के स्टॉक की आवक के साथ अगले 10-12 दिनों में कीमतों में नरमी आने की संभावना है। चंडीगढ़ में पंजाब मंडी बोर्ड के सुपरवाइजर  हरप्रीत सिंह ने कहा, “हमें उम्मीद है कि दक्षिणी राज्यों से ताजा स्टॉक आने के बाद कीमतें कम हो जाएंगी।” सिंह ने कहा कि जून  की  लू और उसके बाद फिर  मानसून ने उत्तर भारत के मैदानी और पहाड़ी इलाकों में बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा, “जब लोकल प्रोडक्शन बंद हो जाता है, तब हम पहाड़ी इलाकों से टमाटर आयात करते हैं।  लेकिन मानसून और भूस्खलन के कारण राजमार्गों पर अचानक नाकाबंदी के कारण सप्लाई अनियमित हो गई, जिससे कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई।” बता दें कि  मानसून के महीनों के दौरान फसल की क्षति और बारिश और बाढ़ के कारण माल के परिवहन में मंदी के कारण सब्जियों और फलों की कीमतें बढ़ जाती हैं। पिछले चार दिनों में लगातार बारिश के कारण दक्षिण-पश्चिमी भारत के कई हिस्से बाढ़ का सामना कर रहे हैं, जिससे उत्तरी राज्यों में सब्जियों की आपूर्ति कम हो गई है।

क्या कहते हैं किसान
उत्तर प्रदेश के किसान राम सरन वर्मा ने कहा कि राज्य में अधिक गर्मी के कारण स्थानीय सब्जियों की फसलें खराब हो गई हैं। इतना  ही नहीं  महाराष्ट्र के नासिक बेल्ट और बेंगलुरु के आसपास के इलाकों से भी आपूर्ति कम है। यही वजह है कि इससे ​ देशभर  में  सब्जियों की कीमतें बढ़ीं हैं। भटिंडा में सब्जियों की खेती करने वाले एक  किसान, नवलप्रीत सिंह ने कहा कि फसल उत्पादन कम होने की उम्मीद थी, लेकिन खेतों में पानी भर जाने से फसल बर्बाद हो गई। मैं केवल 20% फसल ही बचा सका। 
वहीं, दिल्ली की आज़ादपुर फल और सब्जी मंडी के थोक व्यापारी रमिंदर शुक्ला ने कहा कि राजधानी की सबसे बड़ी मंडी में सब्जियों की आवक सामान्य की तुलना में 40% -50% कम है, जिससे थोक कीमतें बढ़ीं हैं। उन्होंने कहा, “ऊंची कीमतों के कारण टमाटर और नींबू की  खरीदारी कम  हो  गई  है।”

केंद्र सरकार का कृषि बाजार पोर्टल के मुताबिक, टमाटर की कीमतें त्रिपुरा में 14,800 रुपये प्रति क्विंटल से लेकर मध्य प्रदेश के खरगोन में 1600 रुपये प्रति क्विंटल के बीच हैं। ज्यादातर जगहों पर एक क्विंटल टमाटर की औसत पूरी कीमत 8,000 रुपये से 10,000 रुपये है। इस सीजन में उत्पादन के प्रमुख स्रोत मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक क्विंटल फूलगोभी चंडीगढ़ में 4,000 रुपये और 1,200 रुपये में बिक रही। इसी तरह, एक क्विंटल मशरूम की थोक कीमत लुधियाना में 8,500 रुपये और हिमाचल के पालमपुर में 3,500 रुपये  है।

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यहां रियायती दरों पर बेची जा रही सब्जियां 
कीमत के बोझ को कम करने के लिए, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसी कई राज्य सरकारें विशेष रूप से उचित मूल्य की दुकानों के माध्यम से 60 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दरों पर सब्जियां बेच रही हैं। तमिलनाडु में सरकार ने प्रति व्यक्ति केवल एक किलो टमाटर बेचने का फैसला किया है। कर्नाटक में, राज्य सरकार ने पीडीएस दुकानदारों से यथासंभव न्यूनतम कीमत पर सब्जियां बेचने को कहा है।

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