ऐप पर पढ़ें
हिंडनबर्ग रिपोर्ट (hindenburg research) के बाद संकट में बाहर निकलने के लिए संघर्ष कर रहे अडानी समूह (Adani group) ने एक अहम फैसला लिया है। अडानी समूह ने देश की पावर ट्रेडिंग कंपनी पीटीसी इंडिया लिमिटेड (PTC India Ltd) में हिस्सेदारी के लिए बोली लगाने से खुद को अलग कर लिया है। इससे पहले ऐसी खबरें चल रही थीं कि अडानी समूह ने PTC India में हिस्सेदारी खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है और यह शुरुआती जानकारी की समीक्षा करने वाले संभावित बोलीदाताओं में से एक है।
ग्रुप कैश बचा कर रखना चाहता है
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अडानी समूह हिंडनबर्ग विवाद के बाद कैश रिजर्व करना चाहता है। इसी कड़ी में पीटीसी इंडिया लिमिटेड की बोली से पीछे हटने का फैसला लिया है। हालांकि, अडानी समूह की ओर से इस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया गया है।
₹6.5 लाख नहीं, ₹3.5 लाख के पैकेज पर ज्वाइन कीजिए…विप्रो का फ्रेशर्स को प्रपोजल
16 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की तैयारी
बता दें कि एनटीपीसी लिमिटेड, एनएचपीसी लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्प ऑफ इंडिया और पावर फाइनेंस कॉर्प की पीटीसी इंडिया लिमिटेड में हिस्सेदारी है। ये चारों कंपनियां क्रमश: 4 प्रतिशत की अपनी हिस्सेदारी बेचने के लिए एक सलाहकार के साथ काम कर रही हैं। कहने का मतलब है कि कंपनी की कुल 16 प्रतिशत हिस्सेदारी बिकेगी। PTC के स्टॉक प्राइस के आधार पर 16 प्रतिशत हिस्सेदारी का मूल्य लगभग 52 मिलियन डॉलर हो सकता है। बता दें कि हाल ही में अडानी पावर लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ में थर्मल पावर प्लांट का संचालन करने वाली कंपनी डीबी पावर के अधिग्रहण से हाथ पीछे खींच लिए हैं। यह डील 7,017 करोड़ रुपये की थी।
EPFO कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर, अब मिलेगी ज्यादा पेंशन, प्रोसेस शुरू
रिपोर्ट के बाद बिगड़े हालात
दरअसल, बीते 24 जनवरी को अमेरिका की शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के खिलाफ एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में समूह पर बाजार में हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड के आरोप लगाए गए थे। समूह ने सभी आरोपों से इनकार किया लेकिन इस रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में लिस्टिंग कंपनियों के शेयर बुरी तरह क्रैश हो गए। अब तक अडानी समूह के बाजार मूल्य में 130 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चुका है। इस बिगड़े हुए हालात से बाहर निकलने के लिए अडानी समूह ने अपने राजस्व वृद्धि लक्ष्य को आधा कर दिया है और नए पूंजीगत व्यय को रोकने की योजना बना रहा है।