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हिंडनबर्ग के बाद ये नई रिपोर्ट खड़ी करेगी अडानी ग्रुप के लिए मुश्किलें? FPO निवेशकों पर उठाए सवाल

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Adani Group News: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से ही अडानी ग्रुप की मुश्किलें लगातार बढ़ रही हैं। अडानी ग्रुप की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। पिछले सप्ताह अडानी ग्रुप ने अडानी एंटरप्राइजेज का पूरा सब्सक्राइब होने के बाद भी वापस ले लिया था। इस कठिन समय के बीच एक और रिपोर्ट ने अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सवालों के घेरे में खड़ा किया है। फोर्ब्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ को सब्सक्राइब करने वाली 3 कंपनियों का सम्बन्ध अडानी ग्रुप से है। 

रिपोर्ट के अनुसार तीन फंड कंपनियां – जिसमें मॉरिसिस की आयुष्मत लिमिटेड, Elm Park फंड और भारत की एविएटर ग्लोबल इंवेस्टमेंट फंड शामिल है। इन कंपनियों का लिंक अडानी समूह के साथ है। बता दें, अडानी एंटरप्राइजेज के एंकर निवेशकों में ये तीनों कंपनियां शामिल थी। ये तीनों मिलाकर एफपीओ का कुल 9.24 प्रतिशत हिस्सा सब्सक्राइब किया था। अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ पर एंकर निवेशकों ने 25 जनवरी को बोलियां लगाई थी। 

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एक-एक करके जानिए किसका-किससे क्या है सम्बन्ध 

1- रिपोर्ट में कहा गया है कि अडानी एंटरप्राइजेज के एफपीओ के एंकर निवेशक आयुष्मत लिमिटेड ने 2.32 प्रतिशत हिस्सा सब्सक्राइब किया था। इस फंड कंपनी का एडमिनिस्ट्रेशन मॉरिसस की कंपनी रोजर्स कैपिटल करती है। रोजर्स कैपिटल के डायेरक्टर्स में जयचंग जिंग्रे भी हैं। जोकि पहले अडानी ग्लोबल लिमिटेड के पूर्व डायरेक्टर भी रह चुके हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार जिंग्रे का संबंध गौतम अडानी के भाई और अडानी ग्रुप ऑफशोर कंपनी के महत्वपूर्ण व्यक्ति विनोद अडानी से भी है। 

जिंग्रे जिस यूके ब्रोकरेज फर्म को लम्बे समय से संचालित कर रहे हैं उसका पहले का नाम Jermyn Capital था। और इसका नियंत्रण धर्मेश दोशी करते थे। दोशी 2001 के स्टॉक एक्सचेंज फ्रॉड के बाद देश छोड़कर भाग गए थे। इसी केस में उनरे सहयोगी केतन पारेख को सजा हुई थी। इशके अलावा 2007 से 2009 के बीच सनफार्मा कंपनी से जुड़े स्टॉक स्कैम में भी दोशी का नाम जुड़ा था। 

2- सवालों के घेरे में दूसरी कंपनी Elm Park फंड है। जिसके डायरेक्टर अडानी एफपीओ के दूसरे सबसे बड़े निवेशक (5.67 प्रतिशत) थे। मॉरिसस की ये कंपनी भी सन फार्मा स्टॉक में हेर-फेर की वजह से सवालों के घेरे में है। इसका खुलासा 2018 में एक व्हिसल ब्लोअर्स कंपनी ने किया किया। 

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3- फोर्ब्स की रिपोर्ट ने जिस तीसरी कंपनी पर सवाल खड़े किए गए हैं, वह एविएटर ग्लोबल इंवेस्टमेंट फंड है। अडानी एंडरप्राइजेज के एफपीओ में इस कंपनी ने 1.25 प्रतिशत हिस्सा सब्सक्राइब किया था। इंस फंड के सीनियर अधिकार के लिंकडिन प्रोफाइल (अब हटा लिया गया है) के अनुसार वह 2008 से 2013 के बीच वह Monterosa Group के लिए काम करते थे। बता दें, Monterosa Group की अडानी ग्रुप की कंपनियों में 4.5 अरब डॉलर (24 जनवरी तक) की हिस्सेदारी है। 

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