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हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की आंच से अडानी ग्रुप का कौन सा शेयर सबसे अधिक झुलसा और कौन करा रहा कम नुकसान

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की आंच में गौतम अडानी की दौलत भी स्वाहा हो रही है। अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के नतीजे बेहतर होने के बावजूद स्टॉक्स पर निवेशकों का भरोसा नहीं बन पा रहा है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट से गौतम अडानी तीसरे पायदान से लुढ़क कर 24वें पर आ गए हैं। वहीं, अडानी ग्रुप के स्टॉक अपने निवेशकों को लगातार कंगाल कर रहे हैं।

ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अडानी की दौलत का बड़ा हिस्सा अडानी समूह द्वारा आयोजित सार्वजनिक हिस्सेदारी से प्राप्त होता है। दिसंबर 2022 स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, वह अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पावर के करीब 75% के मालिक हैं। उनके पास अडानी ग्रीन और अडानी पोर्ट्स का 60% से अधिक और अडानी टोटल गैस का एक तिहाई से अधिक का भी स्वामित्व है। 
 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की आंच में गौतम अडानी की दौलत भी स्वाहा हो रही है। अडानी ग्रुप की कई कंपनियों के नतीजे बेहतर होने के बावजूद स्टॉक्स पर निवेशकों का भरोसा नहीं बन पा रहा है। दुनिया के अमीरों की लिस्ट से गौतम अडानी तीसरे पायदान से लुढ़क कर 24वें पर आ गए हैं। वहीं, अडानी ग्रुप के स्टॉक अपने निवेशकों को लगातार कंगाल कर रहे हैं।

ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अडानी की दौलत का बड़ा हिस्सा अडानी समूह द्वारा आयोजित सार्वजनिक हिस्सेदारी से प्राप्त होता है। दिसंबर 2022 स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग के अनुसार, वह अडानी एंटरप्राइजेज, अडानी ट्रांसमिशन और अडानी पावर के करीब 75% के मालिक हैं। उनके पास अडानी ग्रीन और अडानी पोर्ट्स का 60% से अधिक और अडानी टोटल गैस का एक तिहाई से अधिक का भी स्वामित्व है। 

हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद अडानी एंटरप्राइजेज से लेकर अडानी विल्मर तक अपने निवेशकों को 10 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान पहुंचा चुके हैं। अडानी ट्रांसमिशन , अंबुजा सीमेंट, अडानी गैस, अडानी पावर के शेयरों में बिकवाली थमने का नाम नहीं ले रही। इसका असर अडानी के दौलत पर भी पड़ रही है। ब्लूमबर्ग बिलेनियर इंडेक्स के मुताबिक अब उनके पास केवल 51.5 अरब डॉलर की ही दौलत रह गई है।

अधिक गिरावट अडानी गैस में

वैसे तो हिंडनबर्ग की रिपोर्ट 24 जनवरी 2023 को प्रकाशित हुई थी, जिसमें समूह द्वारा स्टॉक में हेरफेर का आरोप लगाया था। लेकिन, अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट का सिलसिला 27 जनवरी से शुरू हुआ। अडानी ग्रुप के स्टॉक्स का अगर पिछले एक महीने का प्रदर्शन देखें तो सबसे अधिक गिरावट अडानी गैस में हुई है। यह स्टॉक एक महीने में 4000 रुपये से 1076.40 रुपये पर आ गया है। इस दौरान यह 71 फीसद से अधिक टूट चुका है।

दूसरे नंबर पर अडानी ग्रीन है। इसमें एक महीने के भीतर 67 फीसद से अधिक की गिरावट दर्ज की गई है। एक महीने में यह 2185 रुपये के उच्च से 621 रुपये पर आ गया है। यही हाल अडानी ट्रांसमिशन का भी है। इस स्टॉक ने एक महीने में 62 फीसद से अधिक का गोता लगाया है। एक महीने के उच्च 2799.95 रुपये से यह 1017.45 रुपये के निम्न पर है।

₹4000 से 1076.40 पर आ गया अडानी का यह शेयर, थम नहीं रही बेचने की होड़

अडानी एंटरप्राइजेज की भी हालत खराब है। एक महीने में 3739.95 रुपये के उच्च रेट से 1017.45 रुपये तक के निचले स्तर पर आने के बाद इसने थोड़ी रिकवरी की है। यह स्टॉक एक महीने में 52 फीसद गिरकर 1784.95 रुपये पर आ गया है। जबकि, अडानी पावर हर दिन बेदम हो रहा है। पिछले एक महीने में 283.25 रुपये के उच्च से अब यह 140.80 रुपये के निम्न पर आ गया है। इस दौरान करीब 50 फीसद की गिरावट रही।

अंबुजा सीमेंट भी हुआ कमजोर

अंबुजा सीमेंट भी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट की आग में झुलस रहा है। यह स्टॉक पिछले एक महीने में करीब 33 फीसद ही टूटा है। इस दौरान इसका एक महीने का उच्च 525.40 रुपये और निम्न 315.30 रुपये है। आज  यह 348.60 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।

सबसे कम नुकसान में अडानी पोर्ट

सबसे कम नुकसान में अडानी पोर्ट है। पिछले एक महीने में इसने केवल 28 फीसद की चोट पहुंचाई है। इस दौरान यह 800.25 रुपये के उच्च से 395.10 रुपये तक लुढ़का और अब संभलते हुए 571.90 रुपये पर पहुंच गया है। वहीं, अडानी विल्मर में इस अवधि में गिरावट 30 फीसद से अधिक की रही। यह स्टॉक एक महीने में 578.20 रुपये के उच्च से 360.95 रुपये तक लुढ़का और अब 398 रुपये पर है।

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