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सुब्रत रॉय के निधन के बाद सहारा से जुड़े मामले पर आया सेबी का बयान, जानें क्या कहा माधबी पुरी बुच ने

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साहारा के संस्थापक सुब्रत रॉय के निधन के बाद भी पूंजी बाजार नियामक SEBI सहारा ग्रुप के खिलाफ मामला जारी रखेगा। फिक्की के एक कार्यक्रम में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा चाहे कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं। बता दें सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत रॉय का मंगलवार को निधन हो गया था। वह लंबे समय से बीमार थे।

क्या है मामला: 30 सितंबर 2009 को सहारा ग्रुप की कंपनी प्राइम सिटी ने IPO के लिए SEBI के पास DRHP दायर किया था। DRHP के एनॉलिसिस में SEBI को रियल एस्टेट और हाउसिंग कंपनियों की फंड जुटाने की प्रोसेस में कमी मिली।

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सहारा के खिलाफ सेबी को शिकायतें मिलीं

25 दिसंबर 2009 और जनवरी 2010 को सेबी को शिकायतें मिलीं की दोनों कंपनी ऑप्शनली फुली कन्वर्टिबल डिबेंचर से पैसे जुटा रही हैं। ये डेट सिक्योरिटीज होती हैं, जो जारीकर्ता को पूंजी जुटाने की अनुमति देती हैं और बदले में जारीकर्ता मैच्योरिटी तक निवेशक को ब्याज का भुगतान करता है।

लोगों से  24,000 करोड़ रुपए जुटाए

सेबी को पता चला की कंपनी ने इसके जरिए 2-2.5 करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। सेबी पूछा कि सहारा ने बॉन्ड जारी करने के लिए उससे अनुमति क्यों नहीं ली? मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और 2012 में कोर्ट ने सहारा को निवेशकों की डिटेल्स सेबी को देने के साथ ही पैसा 15% ब्याज के साथ लौटाने को कहा गया।

आज तक चल रहा केस

2013 में सहारा ने OFCD धारकों के डॉक्यूमेंट से लदे 127 ट्रक सेबी को भेजे। इन ट्रकों में  थे। इससे मुंबई के बाहरी इलाके में जाम लग गया। 28 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को 24,400 करोड़ रुपए निवेशकों को लौटाने को कहा था। तब से लेकर आज तक ये केस चल रहा है।

इनपुट: भाषा

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