यूनिकॉर्न के मामले में भारत ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। हाल ही में बेंगलुरु स्थित नियोबैंक प्लेटफार्म ‘ओपेन’ को 100वें यूनिकार्न का दर्जा मिला है। सरकार भी इस सफलता पर गदगद है। दरअसल, जो स्टार्टअप 1 बिलियन डॉलर से अधिक का मूल्यांकन हासिल कर लेता है, उसे यूनिकॉर्न का दर्जा मिलता है। भारत में 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं जिनका कुल मूल्यांकन 332.7 अरब डॉलर है। भारतीय स्टार्टअप परिवेश यूनिकॉर्न की संख्या के लिहाज से दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा है।
भारत में स्टार्टअप को यूनिकॉर्न बनने के लिए न्यूनतम समय 6 महीने और अधिकतम समय 26 वर्ष है। वित्त वर्ष 2016-17 तक हर साल लगभग एक यूनिकॉर्न तैयार होता था। पिछले चार वर्षों में (वित्त वर्ष 2017-18 के बाद से) यह संख्या तेजी से बढ़ रही है और हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न की संख्या में सालाना आधार पर 66 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
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सिर्फ वर्ष 2021 के दौरान यूनिकॉर्न की संख्या में भारी उछाल दर्ज किया गया था। इस दौरान कुल 44 स्टार्टअप यूनिकॉर्न 93 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ यूनिकॉर्न क्लब में शामिल हुए। वर्ष 2022 के पहले चार महीनों के दौरान भारत में 18.9 अरब डॉलर के कुल मूल्यांकन के साथ 14 यूनिकॉर्न तैयार हुए हैं।