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साल 2023 में आएगी मंदी? IMF और World bank जता चुके हैं ये आशंका

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दुनियाभर में महंगाई को नियंत्रित करने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि की जा रही है जिसके चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आ सकती है। ब्रिटिश कंसल्टेंसी फर्म सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में 2023 में इस तरह की आशंका व्यक्त की है। सीईबीआर ने वर्ल्ड इकोनॉमिक लीग टेबल नामक अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2022 में वैश्विक अर्थव्यवस्था 100 लाख करोड़ डॉलर के आंकड़े को पार कर गई, लेकिन 2023 में इसमें रुकावट आएगी। सीईबीआर ने अपनी सालाना रिपोर्ट में कहा, महंगाई के खिलाफ लड़ाई अभी जीती नहीं गई है। हमारी आशंका है कि आर्थिक नुकसान के बावजूद केंद्रीय बैंक अपने रास्ते पर चलते रहेंगे। महंगाई को नीचे लाने की कीमत अगले कुछ सालों के लिए कम आर्थिक विकास हो सकती है।

आईएमएफ और विश्व बैंक भी जता चुके हैं मंदी की आशंका

सीईबीआर से पहले अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी आईएमएफ और विश्व बैंक भी 2023 में वैश्विक आर्थिक मंदी आने का अनुमान लगा चुके हैं। अक्तूबर में जारी अपनी रिपोर्ट में आईएमएफ ने कहा था कि 2023 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक तिहाई से अधिक की गिरावट आ सकती है। इसी तरह सितंबर में जारी अपनी रिपोर्ट में विश्व बैंक ने भी कहा था कि अगले साल दुनिया में आर्थिक मंदी आ सकती है।

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भारत 2032 में तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा

रिपोर्ट में भारत के 2032 तक यानी 10 साल बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान भी लगाया गया है। इसके अलावा वर्ष 2035 तक भारत के 10 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की बात भी कही गई है। अन्य देशों की बात करें तो अगले 15 साल तक ब्रिटेन छठवीं और फ्रांस सातवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बने रहेंगे, हालांकि ब्रिटेन का अन्य यूरोपीय देशों से अधिक तेजी से विकास करना थम जाएगा।

चीन 2036 में दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होगा

सीईबीआर ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि चीन वर्ष 2036 तक अमेरिका को पीछे छोड़ दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। कंपनी ने पहले 2028 में चीन के दुनिया की शीर्ष अर्थव्यवस्था बनने की बात कही थी, लेकिन बाद में इसे बदल कर 2030 और अब 2036 कर दिया गया है। जीरो कोविड नीति और पश्चिमी देशों के साथ टकराव को इस बदलाव का कारण बताया गया है।

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