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पीएसीएल लि. के 19 लाख से अधिक निवेशकों को 920 करोड़ रुपये वापस किए गए हैं। इन निवेशकों का कंपनी के ऊपर 17,000 करोड़ रुपये का दावा है। बाजार नियामक सेबी ने सोमवार को यह जानकारी दी। इसके अलावा सहारा इंडिया में फंसे लाखों निवेशकों का पैसा नहीं मिला है। हालांकि, गृहमंत्री अमित शाह ने पैसा दिलाने का वादा किया था। सहारा के निवेशकों को रिफंड पाने की प्रक्रिया की जानकारी नहीं होने के कारण भटकना पड़ रहा है।
कंपनी ने कृषि और रियल एस्टेट कारोबार के नाम पर लोगों से पैसा जुटाया था। अवैध रूप से सामूहिक निवेश योजना के अंतर्गत 18 साल के दौरान 60,000 करोड़ रुपये से अधिक जुटाए गए थे। सेवानिवृत्त न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अध्यक्षता वाली समिति ने पीएसीएल के निवेशकों के लिये चरणबद्ध तरीके से निवेश राशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
सहारा के 10 करोड़ निवेशकों को कब मिलेंगे पैसे, सरकार ने तय की डेडलाइन
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की वेबसाइट के अनुसार, अबतक समिति ने सफलतापूर्वक 19,61,690 आवेदनकर्ताओं को 919.91 करोड़ लौटाये हैं। इनका बकाया (मूल राशि) 17,000 करोड़ रुपये तक है। समिति ने फरवरी में निवेशकों से पीएसीएल से प्राप्त मूल प्रमाणपत्र देने को कहा था ताकि उनका पैसा सत्यापन के बाद वापस किया जा सके। मूल प्रमाणपत्र स्वीकार करने की तिथि 27 फरवरी से 20 मार्च, 2023 थी।
कब मिलेगा सहारा से पैसा
सहारा समूह में जिन निवेशकों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाई थी, लेकिन उनका पैसा फंसा हुआ है। हालांकि, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कुछ सप्ताह पहले कहा था कि सहारा के निवेशकों का पैसा ब्याज सहित लौटाने की प्रक्रिया तीन-चार महीने में शुरू हो जाएगी। शाह ने बताया कि उच्चतम न्यायालय ने सहारा समूह की सहकारी समितियों में निवेश करने वाले निवेशकों का पैसा लौटाने का आदेश जारी किया है। उन्होंने निवेशकों से अपने दावे केंद्रीय सहकारी समितियों के पंजीयक को भेजने के लिए कहा। बता दें कि 10 करोड़ निवेशकों का पैसा इन चार सहकारी समितियों में फंसा हुआ है।
बता दें न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा कि सहारा समूह की सहकारी समितियों द्वारा ठगे गए जमाकर्ताओं के बीच इस राशि का वितरण किया जाना चाहिए। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी शीर्ष अदालत के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी करेंगे।