कई महीनों से पेट्रोल-डीजल और घरेलू एलपीजी की कीमतों में मिल रही राहत अब खत्म हो गई है। आज से अब आफत शुरू हो चुकी है। सड़क से किचन तक आम लोगों पर महंगाई की मार पड़ी है। पेट्रोल-डीजल 137 दिन बाद महंगे हुए हैं तो घरेलू एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में बदलाव 6 महीने बाद हुआ है।
रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते कच्चे तेल की कीमतों में भारी उछाल के कारण पेट्रोल-डीजल और घरेलू एलपीजी गैस की कीमतों में भी उछाल आया है। दुनिया भर के देशों में जहां औसतन 7 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल महंगा हुआ है तो वहीं भारत में आज से ईंधन के दाम में 80 पैसे का इजाफा हुआ है। जबकि, गैर-सब्सिडी वाला घरेलू एलपीजी सिलेंडर भी 50 रुपये महंगा हुआ है।
छोटू सिलेंडर भी महंगा, कामर्शियल सस्ता
यही नहीं महंगाई की मार अब एलपीजी कंपोजिट सिलेंडर पर भी पड़ी है। पहले दिल्ली में यह 634 रुपये में मिलता था, आज से अब 669 रुपये में मिलेगा। अगर 14.2 किलो वाले सिलेंडर की बात करें तो अब यह 950 रुपये का मिलेगा। बता दें छह अक्टूबर 2021 के बाद आज 22 मार्च को एलपीजी सिलेंडर के नए रेट जारी हो गए। घरेलू एलपीजी सिलेंडर के उपभोक्ताओं पर जहां महंगाई की मार पड़ी है, वहीं कामर्शियल सिलेंडर का इस्तेमाल करने वाले कारोबारियों को मामूली राहत मिली है।
LPG Price: राहत खत्म, आफत शुरू, एलपीजी सिलेंडर हुआ महंगा, देखें 22 मार्च के दिल्ली से पटना तक के नए रेट्स
एक मार्च को 19 किलो वाले कामर्शियल सिलेंडर के रेट में 105 रुपये का इजाफा हुआ था और आज यह 9 रुपये सस्ता हुआ है। बता दें अक्टूबर 2021 से एक फरवरी 2022 के बीच कामर्शियल सिलेंडर के दाम 170 रुपये बढ़े हैं। दिल्ली में 1 अक्टूबर को कामर्शिय सिलेंडर का दाम 1736 रुपये था।
औद्योगिक ग्राहकों के लिए डीजल 115 रुपये प्रति लीटर
पेट्रोल-डीजल के रेट में 137 दिन बाद तेल के दाम बदलाव हुआ है। दिल्ली के पेट्रोल पंपों पर डीजल 87.47 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। इसी तरह राजधानी दिल्ली में पेट्रोल पपों पर पेट्रोल 96.21 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर हो गई है।
राहत भरा नहीं मंगलवार, पेट्रोल-डीजल पर आज से पड़ी महंगाई की मार, चेक करें अपने शहर का रेट
सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम कंपनियों ने चार नवंबर 2021 से पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ाए हैं। हालांकि, इस दौरान वैश्विक स्तर पर ईंधन कीमतों में उछाल आया है। मुंबई में पेट्रोल अब 110.82 रुपये लीटर है तो डीजल 95 रुपये।
रूस-यूक्रेन युद्ध की आग में उबल रहा है कच्चा तेल
सुबह लगभग 9.30 बजे, इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर ब्रेंट का मई अनुबंध 118.55 डॉलर पर कारोबार कर रहा था, जो पिछले बंद से 2.53% अधिक था। वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट का अप्रैल अनुबंध 1.94% बढ़कर 114.30 डॉलर प्रति बैरल हो गया। रूस-यूक्रेन संकट के बीच यमन के हौथी विद्रोहियों द्वारा सऊदी अरब में तेल डीपो पर कई हमलों ने भी मंगलवार को कीमतों में वृद्धि की। मेहता इक्विटीज में कमोडिटीज के उपाध्यक्ष राहुल कलंत्री ने कहा कि पिछले चार दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 18% की वृद्धि हुई है।
पिछले हफ्ते ऑयल मार्केटिंग कंपनियों ने जेट ईंधन की कीमतों में 18% की भारी वृद्धि की। विमानन टरबाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतें अब ₹1 लाख प्रति किलोलीटर के निशान से ऊपर हैं। इसके अलावा, थोक औद्योगिक खरीदारों द्वारा सीधे तेल विपणन कंपनियों से खरीदे गए डीजल की कीमत में 25 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। तेल की ऊंची कीमतें भारत के लिए चिंता का विषय रही हैं क्योंकि देश अपनी तेल मांग का 85% आयात करता है।
आपूर्ति की कमी की चिंताओं के बीच, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में एक पूरक प्रश्न के उत्तर में रूस-यूक्रेन संघर्ष के बीच कच्चे तेल की कम आपूर्ति की आशंकाओं को दूर किया। उन्होंने यह भी कहा कि रूस से कच्चे तेल का आयात इस वित्त वर्ष जनवरी तक कुल तेल आयात का महज 0.2% है।
कीमतों में कई महीने से थी राहत
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव को लेकर नॉन-सब्सिडी वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में कई महीने से राहत थी। कच्चे तेल के दाम 140 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने के बावजूद छह अक्टूर 2021 से घरेलू एलपीजी सिलेंडर के दाम में कोई बदलाव नहीं हुआ था। ऐसे में आशंका जताई जा रही है थी कि चुनाव बाद यानी 7 मार्च के बाद कभी भी गैस के दाम 100 से 200 रुपये प्रति सिलेंडर से अधिक बढ़ सकते हैं, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद भी रेट नहीं बढ़े। वहीं, एक दिन पहले डीजल के थोक उपभोक्ताओं को प्रति लीटर 25 रुपये का झटका लगा था। इससे पहले पश्चिम बंगाल चुनाव में भी यही पैटर्न देखने को मिला था।