ऐप पर पढ़ें
Short Selling: हिंडनबर्ग विवाद के करीब एक साल बाद भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने नेकेड शॉर्ट सेलिंग को बैन कर दिया है। इसके साथ ही सेबी ने सभी कैटेगरी के निवेशकों को शॉर्ट सेलिंग में शामिल होने की अनुमति दे दी है। बाजार नियामक ने यह भी कहा कि फ्यूचर एंड ऑप्शन सेग्मेंट में ट्रेड करने वाले सभी स्टॉक शॉर्ट-सेलिंग के लिए पात्र हैं।
क्या है शॉर्ट सेलिंग
सामान्य शॉर्ट सेलिंग एक ऐसी ट्रेडिंग है, जिसमें निवेशकों को उन स्टॉक्स को बेचने की अनुमति मिलती है जो ट्रेडिंग के समय मौजूद नहीं होते हैं। एक सामान्य शॉर्ट सेलिंग में निवेशक पहले सिक्योरिटी को उधार लेता है। इसके बाद स्टॉक की सेलिंग का सौदा करता है। वहीं, नेकेड शॉर्ट सेलिंग में ऐसा नहीं होता है। इस तरह के शॉर्ट सेलिंग में ट्रेडर बिना उधार लिए ट्रेड करता है। आसान भाषा में समझें तो ट्रेडर के पास कोई सिक्योरिटी की उपलब्धता नहीं होती लेकिन वह उन शेयरों को बेच देता है, जो उसने खरीदे भी नहीं थे।
खबर अपडेट हो रही है