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शेयर बाजार में LIC की कमजोर शुरुआत पर दीमम सचिव ने कही ये बात

LIC IPO: बाजार की अप्रत्याशित दशाओं के कारण देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी की कमजोर शुरुआत हुई। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडेय ने मंगलवार को यह बात कही। उन्होंने साथ ही निवेशकों को सुझाव दिया कि लंबी अवधि में लाभ के लिए एलआईसी के शेयर को रखना चाहिए। एलआईसी के शेयर मंगलवार को एनएसई पर अपने निर्गम मूल्य के मुकाबले 8.11 प्रतिशत की गिरावट के साथ 872 रुपये प्रति शेयर पर सूचीबद्ध हुए।

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बीएसई पर शेयर 949 रुपये प्रति शेयर के निर्गम मूल्य के मुकाबले 8.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 867.20 रुपये पर सूचीबद्ध हुए। पांडेय ने संवाददाताओं से कहा, ”कोई भी बाजार की भविष्यवाणी नहीं कर सकता। हमारा कहना है कि इसे (एलआईसी के शेयर) किसी एक दिन के लिए नहीं, बल्कि एक से अधिक दिन के लिए (लंबी अवधि) रखना चाहिए।” इस कार्यक्रम में एलआईसी के चेयरमैन एम आर कुमार ने कहा कि द्वितीयक बाजार में शेयरों की मांग अधिक होगी, जिससे कीमत बढ़ेगी। उन्होंने कहा, ”बाजार में भी घबराहट है। हमें बहुत बड़ी छलांग की उम्मीद नहीं थी।”    

कुमार ने कहा, ”आगे बढ़ने के साथ यह (शेयर) बढ़ेगा। मुझे यकीन है कि बहुत से लोग, विशेष रूप से वे पॉलिसीधारक जिन्हें आवंटन नहीं हो सका, वे शेयर (द्वितीयक बाजार में) खरीदेंगे।” सरकार को 20,557 करोड़ रुपये के इस आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए घरेलू निवेशकों से अच्छी प्रतिक्रिया मिली थी। सरकार ने एलआईसी के शेयरों का निर्गम मूल्य 949 रुपये प्रति शेयर तय किया है। हालांकि, एलआईसी के पॉलिसीधारकों और खुदरा निवेशकों को क्रमश: 889 रुपये और 904 रुपये प्रति शेयर के भाव पर शेयर मिले। एलआईसी का आईपीओ नौ मई को बंद हुआ था और 12 मई को बोली लगाने वालों को इसके शेयर आवंटित किए गए।

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सरकार ने आईपीओ के जरिये एलआईसी के 22.13 करोड़ से अधिक शेयर यानी 3.5 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की है। इसके लिए कीमत का दायरा 902-949 रुपये प्रति शेयर रखा गया था। एलआईसी के आईपीओ को करीब तीन गुना अभिदान मिला था। इसमें घरेलू निवेशकों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, जबकि विदेशी निवेशकों की प्रतिक्रिया ‘ठंडी’ रही। यह देश के इतिहास का सबसे बड़ा आईपीओ है।

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