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Stock Market: शेयर बाजार के निवेशकों के लिए एक अच्छी खबर है। बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने ब्रोकरों के निवेशकों के पैसे के दुरुपयोग की आशंका को खत्म करने के लिए अहम कदम उठाया है। इसके तहत कारोबारी सदस्यों और ‘क्लियरिंग कॉर्पोरेशन’ सदस्यों को दिन के अंत में निवेशक का पैसा रखने पर रोक लगाने और उसे पूरी राशि उसी दिन क्लियरिंग कॉर्पोरेशन को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव किया गया है।
अभी क्या है नियम?
मौजूदा व्यवस्था में जब निवेशक ब्रोकर के पास पैसा रखता है, उसका एक हिस्सा ब्रोकर अपने पास रखता है और एक हिस्सा क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के सदस्य के पास होता है। शेष राशि क्लियरिंग कॉर्पोरेशन के पास ट्रांसफर कर दी जाती है।
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क्या है प्रस्ताव?
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने प्रस्ताव पत्र में दैनिक आधार पर शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्यों के पास पड़े निवेशकों का सभी पैसा क्लियरिंग कॉरपोरेशन को ट्रांसफर करने का प्रस्ताव किया है। इस कदम का मकसद ब्रोकरों और ‘क्लियरिंग’ सदस्यों के पास पड़े निवेशकों के फंड की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। नियामक ने कहा, ”निवेशकों की प्रतिभूतियों और कोष की सुरक्षा के लिये कई कदम उठाये गये हैं। लेकिन शेयर ब्रोकर और ‘क्लियरिंग’ सदस्यों के पास पड़े निवेशकों के कोष के दुरुपयोग की आशंका हो सकती है।”
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सेबी ने उदाहरण देते हुए कहा कि छह जनवरी की स्थिति के अनुसार दैनिक खाता निपटान के तहत निवेशकों के करीब 46,000 करोड़ रुपये ब्रोकरों और ‘क्लियरिंग’ सदस्यों पास पड़े थे। यह भी ध्यान देने की बात है कि देश के 1,355 शेयर ब्रोकर सभी नियामकीय सुरक्षा उपायों के अधीन नहीं हैं।