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निर्मला सीतारमण ने वित्तमंत्री के पद पर रहते हुए आज पांचवां आम बजट 2023 पेश किया है। ये उनका अब तक का सबसे छोटा बजट भाषण भी रहा। उन्होंने बजट 2023 को पूरा पढ़ने के लिए सिर्फ 87 मिनट लिए है। यानी बतौर वित्तमंत्री ये उनका सबसे छोटा भाषण रहा। इससे पहले उन्होंने 2022 में अपना सबसे छोटी बजट स्पीच दी थी। इसके लिए उन्होंने 92 मिनट लिए थे। वहीं, 2021 में उन्होंने बजट स्पीच को पढ़ने के लिए 110 मिनिट का समय लिया था। 2020 में उन्होंने 160 मिनट का सबसे लंबी बजट स्पीच दी थी। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले ये वित्तमंत्री निर्माल सीतारमण का आखिरी पूर्ण बजट भी है।
2020 में 2:40 घंटे तक दी थी स्पीच
2020 में निर्मला सीतारमण ने 2 घंटे 40 मिनट (160 मिनट) का सबसे लंबा बजट भाषण दिया था। ये भारत के इतिहास का सबसे लंबा बजट भाषण भी था। हालांकि, बजट पढ़ने के दौरान वित्तमंत्री की तबीयत बिगड़ गई थी। तब कैबिनेट में उनकी सहयोगी हरसिमरत कौर ने उन्हें संभाला था और दवा भी दी थी। उनके पास बैठे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें बचा हुआ बजट भाषण पढ़ने के लिए मना भी किया था। इसके बाद भी वे बजट पढ़ती रहीं, लेकिन 2 पन्ने शेष रहने उन्होंने बजट पढ़ना रोक दिया था। तब उन्हें इलेक्ट्रोलाइट्स पीते हुए देखा गया था। इस बार भी वित्तमंत्री ग्लूकोज पीती नजर आईं।
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प्रति व्यक्ति आय दोगुनी हुई: वित्तमंत्री
केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण के शुरुआत में कहा कि अपने ‘अमृत काल के पहले बजट’ में पिछले 9 सालों में भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार बढ़कर दुनिया में 10वीं से 5वीं सबसे बड़ी हो गई है। उन्होंने 2014 के बाद से नरेंद्र मोदी सरकार की कई उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि प्रति व्यक्ति आय दोगुनी से अधिक बढ़कर 1.97 लाख रुपए हो गई है। वित्तमंत्री ने सरकार के “कोई भी पीछे न छूटने” के मंत्र पर जोर दिया।
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टैक्स स्लैव को 7 लाख तक बढ़ाया
वित्तमंत्री की बजट 2023 की स्पीच के दौरान उनकी बेटी वांगमयी परकला समेत कई रिश्तेदार लोकसभा की विजिटर्स गैलरी से उन्हें सुन रहे थे। इस साल के बजट में बुनियादी ढांचे और कृषि के लिए बड़ा अमाउंट दिया गया है। वहीं, वर्किंग मिलिड क्लास को बड़ी राहत देते हुए टैक्स स्लैव को 7 लाख तक बड़ा दिया गया है। यानी 7 लाख तक कमाने वालों को कोई टैक्स नहीं देना होगा।