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देश के निर्यात में लगातार तीसरे महीने गिरावट रही। यह अप्रैल 2023 में सालाना आधार पर 12.7 प्रतिशत घटकर 34.66 अरब डॉलर पर आ गया। देश का आयात भी सालभर पहले की तुलना में करीब 14 प्रतिशत घटकर 49.9 अरब डॉलर पर आ गया। अप्रैल, 2022 में यह 58.06 अरब डॉलर रहा था।
कम हुआ व्यापार घाटा
हालांकि, इस दौरान व्यापार घाटा भी कम हुआ है। अप्रैल में देश का व्यापार घाटा 15.24 अरब डॉलर रहा जो पिछले 20 महीनों का न्यूनतम स्तर है। पिछला न्यूनतम स्तर अगस्त, 2021 में 13.81 अरब डॉलर का था। वहीं अप्रैल, 2022 में व्यापार घाटा 18.36 अरब डॉलर रहा था।
निर्यात में गिरावट की वजह
देश के निर्यात में आई गिरावट के पीछे प्रमुख बाजारों- यूरोप और अमेरिका में मांग में आई सुस्ती को जिम्मेदार माना जा रहा है। यह स्थिति आने वाले कुछ महीनों तक बनी रह सकती है। विदेश व्यापार महानिदेशक (डीजीएफटी) संतोष सारंगी ने कहा कि विदेशी बाजारों में मांग की स्थिति बहुत अच्छी नहीं दिख रही है। उन्होंने कहा- मुझे लगता है कि अगले दो-तीन महीनों तक मांग का आउटलुक बहुत आशावादी है। हालांकि, सितंबर के बाद से हालात सुधरने की उम्मीद है।
आयात में गिरावट की वजह
आयात के मोर्चे पर आई गिरावट के बारे में सारंगी ने कहा कि जिंस उत्पादों की कीमतें कम होने के अलावा रत्न और आभूषण जैसे खर्च माने जाने वाले उत्पादों की मांग घटने से ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में रत्न एवं आभूषण, परिधान और कपड़ों के अलावा कुछ इंजीनियरिंग उत्पादों की निर्यात मांग भी प्रभावित हो सकती है।
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किसके निर्यात में गिरावट
अप्रैल के महीने में पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, रसायन और सिलेसिलाए कपड़ों के निर्यात में निगेटिव ग्रोथ है। हालांकि, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, दवाओं, चावल एवं तेल का निर्यात बढ़ा है। इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 26.49 प्रतिशत बढ़कर 2.11 अरब डॉलर हो गया। दूसरी तरफ, कच्चे तेल का आयात 13.95 प्रतिशत घटकर 15.17 अरब डॉलर रह गया। सोने का आयात भी 41.48 प्रतिशत गिरकर अप्रैल में एक अरब डॉलर पर आ गया।
दूसरे देशों का हाल
अप्रैल में भारत से अमेरिका को निर्यात 17.16 प्रतिशत घटकर 5.9 अरब डॉलर पर आ गया जबकि संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) को निर्यात 22 प्रतिशत कम होकर 2.23 अरब डॉलर रह गया। इनके अलावा चीन, सिंगापुर, बांग्लादेश एवं जर्मनी को निर्यात में भी निगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई।