आने वाले दिनों में घर से बाहर रेस्टोरेंट में लंच, डिनर या ब्रेकफास्ट जल्द सस्ता होगा। क्योंकि, मोदी सरकार बहुत जल्द रेस्तरांओं को सेवा शुल्क (Service Charges) लगाने से रोकने के उपाय करने जा रही है। उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने गुरुवार को यह जानकारी दी।
DoCA ने गुरुवार को होटल और रेस्तरां में सर्विस चार्ज लगाने पर रेस्टोरेंट एसोसिएशन और उपभोक्ता संगठनों के साथ बैठक की। बैठक की अध्यक्षता डीओसीए के सचिव रोहित कुमार सिंह ने की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, बैठक में नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) और फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (FHRAI) और उपभोक्ता संगठनों सहित प्रमुख रेस्तरां संघों ने भाग लिया।
छप्परफाड़ रिटर्न: 3 दिन में ही इन 3 शेयरों ने कर दिया मालामाल
रोहित कुमार ने कहा कि सरकार ग्राहकों से ‘सेवा शुल्क’ वसूलने वाले रेस्तरांओं को रोकने के लिए जल्द ही कानूनी ढांचा लेकर आएगी, क्योंकि पूरी तरह से ‘अनुचित’ है। रेस्तरां और उपभोक्ता संघों के प्रतिनिधियों के साथ एक बैठक के बाद सिंह ने कहा कि रेस्तरां और होटल उद्योग संघों का दावा है कि यह व्यवहार कानूनी रूप से गलत नहीं है। वहीं, उपभोक्ता मामलों के विभाग का विचार है कि यह ग्राहकों के अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। साथ ही यह ‘अनुचित व्यापार व्यवहार’ है।
संबंधित खबरें
बैठक में नेशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई), फेडरेशन ऑफ होटल एंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई), मुंबई ग्राहक पंचायत और पुष्पा गिरिमाजी समेत उपभोक्ता संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ”हम जल्द ही एक कानूनी ढांचे पर काम करेंगे। अभी वर्ष 2017 के दिशानिर्देश थे जो उन्होंने लागू नहीं किए हैं। दिशानिर्देशों को आमतौर पर कानूनी रूप से लागू नहीं किया जा सकता।”
उन्होंने कहा कि एक ‘कानूनी ढांचा’ इस व्यवहार को रोकने के लिए उनपर कानूनी रूप से बाध्यकारी होगा। आमतौर पर उपभोक्ता ‘सेवा शुल्क’ और सेवा कर के बीच भ्रमित हो जाते हैं और इसका भुगतान कर देते हैं। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि बैठक के दौरान विभाग की राष्ट्रीय उपभोक्ता हेल्पलाइन पर उपभोक्ताओं द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बयान के अनुसार, उपभोक्ता संगठनों ने कहा कि ‘सेवा शुल्क’ लगाना पूरी तरह से मनमानाहै और ;उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत यह अनुचित है। साथ ही यह प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार की श्रेणी में आता है।
सेवा शुल्क वसूलने वाला रेस्तरां न तो अवैध
इस बीच, एफएचआरएआई ने गुरुवार को कहा कि सेवा शुल्क वसूलने वाला रेस्तरां न तो अवैध है और न ही कानून का उल्लंघन है। एसोसिएशन ने समझाया कि एक सेवा शुल्क, एक प्रतिष्ठान द्वारा एकत्र किए गए किसी भी अन्य शुल्क की तरह, संभावित ग्राहकों को रेस्तरां द्वारा दिए गए निमंत्रण का हिस्सा है। एफएचआरएआई ने एक अलग बयान में कहा कि यह ग्राहकों को तय करना है कि वे रेस्तरां को संरक्षण देना चाहते हैं या नहीं।