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रिकॉर्ड लेवल पर गिर गया रुपया, इसे संभालने के लिए सरकार क्या कर सकती है? समझें

Indian Rupee vs Dollar: भारतीय करेंसी रुपया (Rupee falls) को लेकर जिसकी आशंका थी, वही हुआ। कई दिनों की लुका-छुपी के बाद अब रुपया 80 प्रति डॉलर के ऐतिहासिक स्तर के पार कारोबार करने लगा है। ऐसे में अब सवाल है कि डॉलर के मुकाबले लाचार दिख रहे रुपये की मजबूती के लिए सरकार ने अब तक क्या किया है और आगे क्या-क्या कर सकती है। आइए इसे समझते हैं…

अब तक क्या हुआ: हाल ही में केंद्रीय रिजर्व बैंक ने बैंकों से रुपया में आयात-निर्यात के निपटारे का इंतजाम करने को कहा है। अब तक आयात-निर्यात के लिए भारत डॉलर पर निर्भर है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस फैसले से लंबे समय में भारत की डॉलर पर निर्भरता घटेगी। ऐसे में डॉलर समेत अन्य विदेशी मुद्राओं की तुलना में रुपये में मजबूती आएगी जिससे आयात सस्ता होगा।

-हाल में रिजर्व बैंक ने विदेशी कोषों की आवक बढ़ाने के लिए विदेशी उधारी की सीमा बढ़ाने और सरकारी प्रतिभूतियों में विदेशी निवेश के मानक उदार बनाने की घोषणा की है। इससे भारत को लेकर विदेशी निवेशक आकर्षित होंगे।

सरकार क्या कर सकती है: रुपया को मजबूत करने के लिए सबसे बड़ी जरूरत विदेशी निवेशकों का भरोसा बढ़ाने की है। आंकड़े बताते हैं कि भारतीय शेयर बाजार से निकलने वाले विदेशी निवेशकों की संख्या रिकॉर्ड स्तर पर है। इस वजह से ना सिर्फ रुपया कमजोर हो रहा है बल्कि शेयर बाजार में लोगों के निवेश भी डूब रहे हैं। 

आयात कम करना होगा: भारत को आयात पर निर्भरता कम करने की जरूरत है। आयात में जितनी कमी आएगी, डॉलर की उतनी ही ज्यादा सेविंग होगी। हमारे पास डॉलर जितना ज्यादा बचेगा, रुपया उतना ही मजबूत रहेगा। भारी आयात की वजह से डॉलर ज्यादा खर्च करना पड़ता है और इससे व्यापार घाटा भी बढ़ जाता है। 

निर्यात को बढ़ाना होगा: आयात कम होने के साथ ही निर्यात को बढ़ाना होगा। हम विदेश में निर्यात जितनी करेंगे, डॉलर देश में उतना ही ज्यादा आएगा। हालांकि, कई बाद निर्यात पर कंट्रोल महंगाई को काबू में लाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के लिए बीते कुछ समय से सरकार ने गेहूं समेत कई चीजों के निर्यात पर सशर्त रोक लगा रखी है। सरकार का मकसद घरेलू बाजार में कीमतों को काबू में लाना है।

विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल: जब भी रुपया कमजोर होता है, केंद्रीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करता है। आरबीआई यहां से डॉलर बेचकर रुपया को मजबूत करता है। हालांकि, बीते कुछ समय से भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार गिरावट आ रही है। बीते सप्ताह ही यह 15 माह के निचले स्तर पर था। 

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