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मोदी सरकार ने गुरुवार को कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर (Windfall Tax) को 9,800 रुपये प्रति टन से घटाकर 6,300 रुपये प्रति टन कर दिया है। यही नहीं, केंद्र सरकार ने डीजल पर अप्रत्याशित कर को 2 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 1 रुपये कर दिया है। घरेलू स्तर पर कच्चे तेल के उत्पादन पर विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क या एसएईडी के रूप में लगाया जाने वाला कर 9,050 रुपये प्रति टन से बढ़ाकर 9,800 रुपये प्रति टन कर दिया गया है।
31 अक्टूबर को एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, ये दरें 1 नवंबर से प्रभावी हैं। सरकार ने डीजल के निर्यात पर SAED को 4 रुपये प्रति लीटर से घटाकर 2 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया।
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भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंड फाल टैक्स लगाया था और यह उन देशों की बढ़ती संख्या में शामिल हो गया है, जो ऊर्जा कंपनियों के असाधारण मुनाफे पर कर लगाते हैं।
उस समय पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपये प्रति लीटर (12 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था।
पिछले दो सप्ताह में तेल की औसत कीमतों के आधार पर हर पखवाड़े कर दरों की समीक्षा की जाती है। यदि वैश्विक बेंचमार्क की दरें 75 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाती हैं तो घरेलू कच्चे तेल पर अप्रत्याशित कर लगाया जाता है। अगर प्रोडक्ट मार्जिन 20 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बढ़ जाता है, तो डीजल, एटीएफ और पेट्रोल के निर्यात पर लेवी लगती है।