केंद्र ने घाटे में चल रहे हेलीकॉप्टर सर्विस देने वाली कंपनी पवन हंस (Pawan Hans) की बिक्री पर फिलहाल रोक लगा दी है। दरअसल, पवन हंस लिमिटेड के लिए निर्णायक बोली लगाने वाले टाई-अप में शामिल अल्मस ग्लोबल के खिलाफ जारी एनसीएलटी के आदेश को देखते हुए इस बिक्री सौदे को फिलहाल स्थगित कर दिया है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को कहा कि राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) के आदेश की कानूनी समीक्षा की जा रही है। अधिकारी ने कहा, ‘‘हम आगे बढ़ने से पहले एनसीएलटी के आदेश का कानूनी परीक्षण कर रहे हैं। सौदा पूरा होने का पत्र जारी नहीं किया गया है।’’
स्टार9 मोबिलिटी को दी गई थी जिम्मेदारी
पवन हंस के लिए चलाई गई निविदा प्रक्रिया में पिछले महीने मैसर्स स्टार9 मोबिलिटी प्राइवेट लिमिटेड को सफल बोलीकर्ता चुना गया था। इस गठजोड़ में मैसर्स बिग चार्टर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स महाराजा एविएशन प्राइवेट लिमिटेड और अल्मस ग्लोबल ऑपर्चुनिटी फंड शामिल हैं। स्टार9 मोबिलिटी ने पवन हंस की खरीद के लिए 211.14 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी जो 199.92 करोड़ रुपये के आरक्षित मूल्य से थोड़ा अधिक है।
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क्या है आरोप
इस गठजोड़ में शामिल अल्मस ग्लोबल के खिलाफ एनसीएलटी ने पिछले महीने एक आदेश पारित किया था। कोलकाता स्थित इस कंपनी पर अपने ऋणदाताओं को स्वीकृत समाधान प्रस्ताव के अनुरूप भुगतान नहीं करने का आरोप है।