केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव आतिश कुमार सिंह ने कहा है कि कोरोना महामारी ने छोटे उद्योगों विशेषकर महिला उद्यमियों के समक्ष नई चुनौतियां खड़ी की हैं। इनसे निपटने के लिए समग्र दृष्टिकोण और नई रणनीतियां अपनाने की जरूरत है।
सिंह ने भारतीय महिला उद्यमी महासंघ (एफआईडब्ल्यूई)के छठें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के पश्चात के उद्योगों की चुनौतियों पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए। कोरोना महामारी ने उद्योग परिवेश में भारी बदलाव किया है। नए उद्यमियों के लिए नए अवसर तो सामने आए हैं, साथ ही नई चुनौतियां भी उभरी हैं। पूरी परिस्थितियों को समग्रता में समझकर आगे बढ़ना होगा। इसके लिए भविष्य के उद्योगों को नीति निर्माण, नियोजन और क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देना होगा।
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उन्होंने कहा कि महामारी ने छोटे उद्योगों के लिए नई चुनौतियां खड़ी की हैं। इनसे निपटने के लिए उद्यमियों को नए तरीके, नई प्रणाली और नई रणनीति अपनानी होगी। छोटे उद्योगों लिए सरकार की कई योजनाओं और कार्यकमों का उल्लेख करते हुए अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है।
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भारतीय महिला उद्यमी महासंघ की अध्यक्ष रजनी अग्रवाल ने कहा कि तीन दिन तक चलने वाले इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में भारत और विदेशों से 200 से अधिक महिला उद्यमी भाग ले रही हैं। ये महिला उद्यमी मालदीव, बांग्लादेश, श्रीलंका, सिंगापुर, नाईजीरिया, नेपाल और पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व कर रही हैं।
सम्मेलन की मुख्य विषयवस्तु ‘मिशन इम्पॉसिबल’
उपाध्यक्ष पूनम कुमार मल्होत्रा ने कहा कि सम्मेलन की मुख्य विषयवस्तु ‘मिशन इम्पॉसिबल’ है। महामारी के दौरान महिला उद्यमियों ने ताकत दिखाई है। इसमें डिजिटल और सोशल मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। महिला उद्यमियों ने इस मुश्किल समय में तेजी से नई तकनीक और परिवर्तनों को अपनाया है।