HomeShare Marketमहंगे खाद्य तेल पर अंकुश के लिए सरकार सक्रिय, इंडोनेशिया और मलेशिया...

महंगे खाद्य तेल पर अंकुश के लिए सरकार सक्रिय, इंडोनेशिया और मलेशिया की सरकारों से की जाएगी बात

खाद्य तेल की कीमतों पर सरकार की करीब से नजर है और उसने महंगे खाद्य तेलों पर अंकुश के लिए तैयारी और तेज कर दी है। सूत्रों के मुताबिक, इसकी समीक्षा के लिए इसी हफ्ते बैठक हो सकती है। इस बैठक में विभिन्न मंत्रालयों के साथ सरकारी वितरण और बिक्री कंपनियों के साथ इस क्षेत्र से जुड़ी निजी कंपनियों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जा सकता है।

यह भी पढ़ेंः LIC IPO में निवेश का ये है आसान तरीका, स्टेप बाय स्टेप समझें पूरा प्रोसेस

सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग, उपभोक्‍ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे। इसके अलावा सरकार इसी हफ्ते सरकार इंडोनेशिया और मलेशिया के वाणिज्य मंत्रियों से भी चर्चा करेगी। केंद्र सरकार का अनुमान है कि खाद्य तेल की कीमतों में तुरंत बढ़ोतरी नहीं होगी। इसकी आपूर्ति के लिए कई उत्पादक देशों से बातचीत चल रही है। भारत 2.25 करोड़ टन खाद्य तेल की सालाना खपत करता है। इसमें से करीब 35 से 40 लाख टन पाम तेल केवल इंडोनेशिया से आयात करता है। खाद्य तेलों के संगठन एसईए के महानिदेशक बी.वी.मेहता का कहना है कि उद्योग को प्रतिबंध की उम्मीद नहीं थी। हमने सरकार को सुझाव दिया है कि वह खाद्य तेल के निर्यात पर पाबंदी को लेकर 

संबंधित खबरें

इंडोनेशिया सरकार के साथ उच्च राजनयिक स्तर पर बातचीत करे। पाम तेल के कुल आयात का आधा हिस्सा इंडोनेशिया से आयात होता है और इस कमी को कोई भी पूरा नहीं कर सकता है।

रूस समेत कई उत्पादक देशों से हो रही बात

कीमतों पर अंकुश के लिए सरकार इंडोनेशिया और मलेशिया के अलावा अन्य देशों से भी आयात के विकल्प की संभावना तलाश रही है। सूत्रों का कहना है कि इसमें एक बड़ा नाम रूस और कनाडा का है जहां से सरकार खाद्य तेल के आयात के विकल्प पर विचार कर रही है। इसके अलावा लैटिन अमेरिकी देशों से भी आयात के विकल्प पर बात हो रही है।
बिक्री केन्द्रों की संख्या बढ़ेगी

सरकार ने सरकारी एजेंसियों नैफेड, एचएएफईडी, , केंद्रीय भंडार, मदर डेरी, एनडीडीबी और मार्कफेड के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की है। मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र ने कहा कि कीमतें नियंत्रित रखने के लिए सरकार ने सभी सरकारी बिक्री केन्द्र को खोलकर रखने और तेल बेचने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा इन बिक्री केन्द्रों की संख्या बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

जमाखोरों के खिलाफ सख्ती

सरकार जमाखोरों के खिलाफ लगातार सख्त कदम उठा रही है। सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दिनों से आठ राज्यों में केंद्रीय टीम छापेमारी कर रही है। उनका कहना है कि यह अभियान अगले एक हफ्ते तक लगातार जारी रहेगा। सरकार को उम्मीद है कि इस सख्त कार्रवाई से भी कीमतों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।

खाद्य तेल पर आयात शुल्क घटाया

सरकार पिछले एक साल में खाद्य तेल के आयात पर कई बार आयात शुल्क में कमी कर चुकी है। इसका एकमात्र मकसद खाद्य तेलों के दाम पर अंकुश लगाकर महंगे तेल से उपभोक्ताओं को राहत देना है।

उपभोक्ताओं पर ऐसे पड़ता है असर

खाद्य तेल का इस्तेमाल रसोई में रोजमर्रा के इस्तेमाल के अलावा बिस्किट और चिप्स समेत कई तरह के पैकेटबंद खाद्य पदार्थों में होता है। इसके अलावा शैंपू और साबून समेत कई सौंर्दय प्रसाधनों में भी इसका इस्तेमाल होता है। ऐसे में खाद्य तेल की कीमतों में तेजी आने पर इन उत्पादों के दाम भी बढ़ जाते हैं।

तेल का प्रकार कीमत        26 अप्रैल   20 अप्रैल  10 अप्रैल

सरसों तेल                       1,480   1,470      1,420            
सोयाबीन तेल                    1,580  1,560      1,485

तिल तेल                            2,250   2,250    2230
पाम ऑयल                         1,530   1,492    1,445

मूंगफली तेल                       1,630   1,640    1,620
सनफ्लॉवर तेल                    1,850    1,760    1,620(आंकड़े रुपये प्रति दस किलोग्राम में)

स्रोत: ओरिगो कमोडिटीज

RELATED ARTICLES

Most Popular